पटना (नेहा): बिहार में बजट सत्र से पहले एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सोमवार को बिहार दौरे के उपरांत एनडीए में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ेगी। संभव है कि सरकार मंत्रिमंडल विस्तार को अंतिम रूप दे। 243 सदस्यीय विधानसभा में मंत्रिमंडल में 36 मंत्री हो सकते हैं। वर्तमान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं दो उपमुख्यमंत्रियों सहित 30 मंत्री हैं। ऐसे में छह और मंत्रियों के नीतीश सरकार में सम्मिलित होने की संभवना है। विस्तार में भाजपा के चार एवं जदयू के दो विधायकों को सम्मलित किए जाने की संभावना है। वर्तमान में भाजपा के दो उपमुख्यमंत्रियों सम्राट चौधरी एवं विजय सिन्हा के साथ 15 मंत्री हैं, जबकि जदयू की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ 13 मंत्री हैं। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) को एक पद मिला है। हम प्रमुख संतोष मांझी स्वयं दो विभाग के मंत्री हैं, जबकि एक निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह भी नीतीश मंत्रिमंडल का हिस्सा हैं। इसके साथ ही आयोग, बोर्ड एवं निगम में लंबे अरसे से मनोनयन की प्रक्रिया लंबित है। इसकी भी अधिसूचना शीघ्र होने की संभवना प्रबल है। चुनावी वर्ष में मंत्रिमंडल विस्तार होना है।
ऐसे में बिहार भाजपा के शीर्ष रणनीतिकार का कहना है कि सामाजिक एवं क्षेत्र संतुलन हर हाल में ध्यान रखा जाएगा। वर्तमान में कई जिलों से एक भी मंत्री नहीं है। ऐसे में जिलेवार भी प्रतिनिधित्व को संतुलित करने का प्रयास सरकार करेगी। दिल्ली की जीत के उपरांत भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की नजर बिहार पर केंद्रीत हो गई है। इसके संकेत दिल्ली में रेखा गुप्ता सरकार के शपथ ग्रहण के उपरांत एनडीए नेताओं की दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ दोपहर भोज एवं फोटो सेशन के सत्र के दौरान मोदी ने स्वयं दिए थे। ऐसे में अब बिहार जीतने को लेकर भाजपा कोई कोर-कसर नहीं छोड़ेगी। संभव है इसी सप्ताह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले बिहार में प्रदेश परिषद की बैठक हो सकती है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को बेसब्री से बैठक की प्रतीक्षा है। इससे संगठनात्मक मनोनयन का रास्ता साफ होने के साथ ही कई अटकलों पर विराम लग जाएगा।