नई दिल्ली (पायल): सर्दियों के मौसम में हार्ट अटैक का खतरा अन्य मौसमों की तुलना में अधिक माना जाता है। हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश के एटा और कानपुर जैसे जिलों में दिल से जुड़ी बीमारियों के मामलों में बढ़ोतरी की खबरें सामने आई हैं। ऐसे में हार्ट को स्वस्थ रखना और समय रहते सावधानी बरतना बेहद जरूरी हो जाता है। इसी विषय पर एक प्रसिद्ध आयुर्वेदिक चिकित्सक से बातचीत की गई। उन्होंने सर्दियों में हार्ट अटैक के बढ़ते जोखिम, उसके कारण और आपात स्थिति में क्या करना चाहिए, इस पर विस्तार से जानकारी दी।
डॉ. के अनुसार, ठंड के मौसम में शरीर का तापमान गिर जाता है, जिससे रक्त संचार पर असर पड़ता है। इसके अलावा सर्दियों में विटामिन-डी की कमी भी आम हो जाती है, जिससे खून के गाढ़ा होने की संभावना बढ़ती है। यही कारण है कि इस मौसम में हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक का जोखिम अधिक हो जाता है।
डॉ. बताते हैं कि हार्ट अटैक अचानक आता है। यदि ऐसी स्थिति घर पर हो और पास में न दवा हो और न ही तुरंत अस्पताल पहुंचने की सुविधा, तो प्राथमिक सहायता बेहद अहम हो जाती है। आयुर्वेद के अनुसार, अदरक को प्राथमिक उपाय के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि यह रक्त प्रवाह को सक्रिय करने में मदद करता है। साथ ही रोजाना सीमित मात्रा में अदरक का सेवन हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है।
डॉ. के मुताबिक, आपात स्थिति में ताजा अदरक के छोटे टुकड़े काटकर मरीज को धीरे-धीरे चबाने के लिए दिए जा सकते हैं। इसके साथ हल्का गुनगुना पानी भी दिया जा सकता है। यह उपाय केवल अस्थायी राहत या प्राथमिक सहायता के लिए बताया गया है।
डॉ. स्पष्ट करते हैं कि यह कोई पूर्ण इलाज नहीं है। हार्ट अटैक की स्थिति में मरीज को बिना देर किए तुरंत अस्पताल ले जाना बेहद जरूरी है, ताकि डॉक्टर सही जांच कर उचित इलाज कर सकें। घरेलू उपाय केवल शुरुआती सहायता के तौर पर ही उपयोगी हो सकते हैं।


