नई दिल्ली (पायल): संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से पहले पीएम मोदी ने विपक्ष पर निशाना साधा था। पीएम मोदी ने कहा था कि ड्रामा नहीं डिलीवरी चाहिए। इस पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने पलटवार किया है। मोदी और कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के बीच जुबानी जंग छिड़ गई है। मोदी के इस बयान के जवाब में प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को सदन के बाहर मीडिया से बात करते हुए कहा कि संसद में जनता के ज़रूरी मुद्दों को उठाना ‘नाटक’ नहीं, बल्कि ‘लोकतांत्रिक कार्यप्रणाली का मूल हिस्सा’ है।
प्रियंका गांधी ने कहा, “कुछ ज़रूरी मुद्दे हैं- जैसे मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और गंभीर वायु प्रदूषण। संसद किसलिए है? आइए इन पर चर्चा करें। यह नाटक नहीं है। मुद्दों पर बोलना, मुद्दे उठाना नाटक नहीं है।”
प्रियंका गांधी ने पीएम मोदी की टिप्पणी को पलटते हुए कहा कि असली नाटक क्या है। उन्होंने कहा, “नाटक का मतलब है चर्चा की अनुमति न देना। नाटक का मतलब है जनता से जुड़े मुद्दों पर लोकतांत्रिक चर्चा न होना।” इस बयान के जरिए उन्होंने सीधे तौर पर सरकार की उस नीति पर सवाल उठाया, जिसमें विपक्ष के मुद्दों पर चर्चा को बाधित किया जाता रहा है। सूत्रों के अनुसार विपक्षी ‘इंडिया’ ब्लॉक के दलों ने शीतकालीन सत्र में SIR के मुद्दे को मुख्य एजेंडा बनाने का फैसला किया है। सभी दलों ने सर्वसम्मति से इस पर बहस करने की सहमति जताई है।
यह पूरा घटनाक्रम प्रधानमंत्री मोदी के उस संबोधन की पृष्ठभूमि में आया है, जिसमें उन्होंने विपक्ष को रचनात्मक होने की नसीहत दी थी। पीएम मोदी ने कहा था, “जो भी नारे लगाना चाहे, पूरा देश उनके साथ है; बिहार चुनाव में हार के दौरान आप यह कह चुके हैं। लेकिन यहाँ ज़ोर नारों पर नहीं, नीति पर होना चाहिए।”उन्होंने विपक्ष से नकारात्मकता को किनारे रखकर ‘राष्ट्र निर्माण’ पर ध्यान केंद्रित करने और मानसून सत्र जैसी ‘बर्बादी’ को न दोहराने का आह्वान किया था।


