नई दिल्ली (नेहा): भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की मीटिंग 4 जून को शुरू हुई थी, जिसका आज आखिरी दिन है। शुक्रवार, 6 जून को मीटिंग के आखिरी दिन भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा फैसलों की घोषणा करेंगे। आरबीआई आज एक बार फिर रेपो रेट में कटौती का ऐलान कर सकता है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि महंगाई दर के 4 प्रतिशत के औसत लक्ष्य से नीचे बने रहने के कारण, भारतीय रिजर्व बैंक ब्याज दरों में लगातार तीसरी बार 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है।
आरबीआई इस साल रेपो रेट में दो बार कटौती कर चुका है। आरबीआई ने फरवरी में 0.25 प्रतिशत और अप्रैल में 0.25 प्रतिशत की कटौती की थी, जिससे रेपो रेट 6.50 प्रतिशत से घटकर 6.00 प्रतिशत हो गया है। संजय मल्होत्रा अगर आज फिर रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती करता है तो ये 5.75 प्रतिशत हो जाएगा। बताते चलें कि रेपो रेट का सीधा असर ब्याज दरों पर पड़ता है और बैंक ब्याज दरें घटा देते हैं। रेपो रेट कम होने से होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन समेत सभी लोन सस्ते हो जाते हैं, जिससे खरीदारी बढ़ती है।
रेपो रेट कम होने से ब्याज दरें घटती हैं और ब्याज दरें घटने से मांग बढ़ती है। ब्याज दरें घटती हैं तो घरों और गाड़ियों की बिक्री में उछाल आता है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर पड़ता है। बैंक ऑफ बड़ोदा के चीफ इकोनॉमिस्ट मदन सबनवीस ने अभी हाल ही में कहा था, “हमारा मानना है कि महंगाई काबू में है और आरबीआई के विभिन्न उपायों के माध्यम से तरलता की स्थिति को बहुत सहज बनाए जाने के कारण, एमपीसी 6 जून को रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती करेगी।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि आरबीआई सिर्फ आज ही नहीं बल्कि अगली दो अन्य मीटिंग में भी ब्याज दरों को घटा सकता है, जिससे रेपो रेट घटकर 5.25 प्रतिशत पर आ जाएगा। रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा था कि इस हफ्ते रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती की उम्मीद है, इसके बाद होने वाली दो नीति समीक्षाओं में दो और कटौती की जाएगी, जिससे चक्र के अंत तक रेपो रेट 5.25 प्रतिशत हो जाएगी।”