नई दिल्ली (नेहा): आठ साल में 96 बार कोशिश फेल, फटी हुई फैलोपियन ट्यूब और इमरजेंसी सर्जरी, मिसकैरेज और हरबार की हताशा… मैक्सिको सिटी के एक आईवीएफ सेंटर में जब अलीना क्विंटाना पहुंची तो उन्हें पता था कि यह उनकी आखिरी कोशिश होगी, मगर इस बार कुछ नया था, नया इसलिए, क्योंकि इस बार IVF कोई डॉक्टर नहीं, एक रोबोट करने वाला था। यह सुनने में भले ही अटपटा लगे, लेकिन रोबोट लगातार बच्चे पैदा करना सीख रहे हैं, पिछले तीन साल में तकरीबन 20 बच्चे रोबोट पैदा कर भी चुका है। इसे न्यूयॉर्क की एक स्टार्टअप कंपनी Conceivable Life Sciences ने तैयार किया है जिसे Aura नाम दिया गया है।
1. उसके मुताबिक पहले महिला को हार्मोन चिकित्सा दी जाती है, ताकि उसके अंडाणु यानी eggs बेहतर मात्रा में तैयार हो सकें।
2. इसके बाद मैनुअली अच्छे शुक्राणु की पहचान कर उसे अलग किया जाता है और अंडाणु में इंजेक्ट किया जाता है. इसे ICSI कहते हैं
3. जब फर्टिलाइजेशन हो जाए तो एंब्रिरो यानी भ्रूण को एक विशेष इनक्यूबेटर में रखा जाता है।
4. इसके बाद इसे गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है, जिससे महिला प्रेग्नेंट हो जाती है।
5. इस पूरी प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण काम होते हैं, जैसे शुक्राणु चुनना, उन्हें ठीक से रखना, अंडाणु में इंजेक्ट करना, ये काम माइक्रोस्कोप की मदद से बहुत ध्यान से किए जाते हैं।