ब्रसेल्स (नेहा): यूरोप में भीषण गर्मी से 2,300 लोगों की मौत हो गई है। यह जानकारी बुधवार को प्रकाशित एक विज्ञानिक विश्लेषण में सामने आई है। अध्ययन में दो जुलाई तक चलने वाले उन 10 दिनों को लक्षित किया गया, जिनमें पश्चिमी यूरोप के बड़े हिस्से अत्यधिक गर्मी से प्रभावित रहे। स्पेन में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया और फ्रांस में जंगलों में आग लग गई। अध्ययन में बार्सिलोना, मैड्रिड, लंदन और मिलान सहित 12 शहरों को शामिल किया गया, जहां हीटवेव का तापमान चार डिग्री सेल्सियस तक बढ़ गया है।
इंपीरियल कॉलेज लंदन और लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रापिकल मेडिसिन के विज्ञानियों द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, इस अवधि के दौरान अनुमानित 2,300 लोगों की मृत्यु में से 1,500 मौतें जलवायु परिवर्तन से जुड़ी थीं, जिसने गर्मी की लहर को और गंभीर बना दिया।इंपीरियल कॉलेज लंदन के एक शोधकर्ता डॉ. बेन क्लार्क ने कहा कि जलवायु परिवर्तन ने इसे पहले की तुलना में काफी अधिक गर्म बना दिया है, जिससे यह और खतरनाक हो गया है।