श्रीनगर (नेहा): पाकिस्तान के साथ युद्ध की आशंका को देखते हुए देश की जनता को इसके लिए तैयार करने की कवायद शुरू हो गई है। इस सिलसिले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नए एवं जटिल खतरों के मद्देनजर सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से बुधवार को सिविल डिफेंस की मॉक ड्रिल करने को कहा है। इसमें हवाई हमलों की चेतावनी देने के लिए शहरों में सायरन सिस्टम को चालू करने और सुरक्षा के लिए आम लोगों एवं छात्रों को जरूरी ट्रेनिंग देना शामिल है। इसी क्रम में श्रीनगर स्थित डल झील में मॉक ड्रिल का असर दिखना भी शुरू हो गया है। इस बाबत जम्मू-कश्मीर एसडीआरएफ के एक जवान आरिफ हुसैन ने कहा कि कल हमें नाव पलटने के संबंध में एक मॉक ड्रिल करने का आदेश मिला। हम दिखाएंगे कि हमारे उपकरणों का उपयोग कैसे करना है। हम यहां उस गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश का पालन कर रहे हैं।
हालांकि, जम्मू-कश्मीर मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि एसडीआरएफ का मॉक ड्रिल न पहलगाम से जुड़ा है न ही मॉक ड्रिल से जुड़ा हुआ है… पिछले दिनों से अचानक ये जो शाम को तेजा हवाएं चलती हैं उसकी वजह से दो शिकारा डूबे गई थी। इसकी वजह से हमने एसडीआरएफ टीम को जांच करने को कहा है ताकि इस तरह की घटना से किमती जाने न जाए। बता दें कि मॉक ड्रिल आखिरी बार 1971 में की गई थी जब पाकिस्तान के साथ पूर्वी एवं पश्चिमी दोनों मोर्चों पर युद्ध हुआ था। युद्ध के समय आम जनता को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने से लेकर जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति सुचारू रखने में सिविल डिफेंस की अहम भूमिका होती है।