नई दिल्ली (राघव): भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टाटा कंस्लटेंसी सर्विसेज (TCS) के कर्मचारियों के लिए एक बुरी खबर है। दरअसल टीसीएस ने छंटनी का ऐलान किया है। भारत की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर सर्विस प्रोवाइडर कंपनी टीसीएस टेक्नोलॉजी में तेजी से हो रहे बदलावों के बीच अधिक एक्टिव और भविष्य के लिए तैयार होने की कोशिश में, अगले वर्ष अपनी वर्कफोर्स का 2 प्रतिशत या लगभग 12,000 से अधिक कर्मचारियों को नौकरी से निकाल देगी।
टीसीएस के छंटनी के कदम से उन सभी देशों और क्षेत्रों के कर्मचारी प्रभावित होंगे, जहाँ यह कंपनी काम करती है। इसकी ये प्रोसेस वित्तीय वर्ष 2026 (अप्रैल 2025 से मार्च 2026) तक लागू रहेगी। जून में समाप्त तिमाही में टीसीएस के कर्मचारियों की संख्या 6,13,000 थी। इसलिए 2 प्रतिशत की कटौती से लगभग 12,200 कर्मचारी प्रभावित होंगे।
जिन कर्मचारियों को टीसीएस नौकरी से निकालेगी, उन्हें नोटिस पीरियड सैलरी और एडेड सेवरैंस पैकेज के अलावा बीमा लाभ और आउटप्लेसमेंट के अवसर प्रदान किए जाने पर विचार किया जाएगा। टीसीएस प्राइवेट सेक्टर में भारत के सबसे बड़े एम्प्लॉयर्स में से एक है और इस रीस्ट्रक्चरिंग के इसके कदम का काफी निगेटिव असर पड़ सकता है। अनुमान है कि टीसीएस के मुकाबले वाली छोटी कंपनियां भी इसी तरह का कदम उठा सकती हैं।
यह कदम टीसीएस ने अपनी कर्मचारी बेंच पॉलिसी में बदलाव करने के कुछ सप्ताह बाद उठाया है, जिसके तहत कर्मचारियों को प्रतिवर्ष कम से कम 225 बिल योग्य दिन रखने की आवश्यकता होगी। साथ ही बेंच पर समय को 35 दिनों से कम तक सीमित करना होगा। “बेंच टाइम” का मतलब उस अवधि से है जब कर्मचारियों को एक्टिवली क्लाइंट प्रोजेक्ट्स या अन्य बिल योग्य कामों में नहीं लगाया जाता है।