नई दिल्ली (नेहा): भारत में प्रत्येक 05 सितंबर शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन सभी छात्र व शिक्षक के लिए बेहद ही खास होता है। दरअसल भारत में शिक्षक दिवस हमारे पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के मौके पर मनाया जाता है। इस दिन को खास बनाने के लिए स्कूल व कॉलेज में स्लोगन, स्पीच, निबंध और पेंटिंग प्रतियोगिता भी होती है। ऐसे में यदि आप भी स्कूल या कॉलेज में अपनी स्पीच के जरिये किसी प्रतियोगिता का हिस्सा बनने वाले हैं, तो आप यहां दी गई स्पीच की मदद से अपने शिक्षक का दिन बेहतर बनाने के साथ-साथ प्रतियोगता में भी अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।
सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य जी व शिक्षक गण। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि प्रत्येक 05 सितंबर को पूरे भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन सभी छात्र व शिक्षक के लिए बेहद ही खास होता है। शिक्षक ही हमारे जीवन के सबसे अहम गुरु होते हैं, जो हमें भविष्य में सही रास्ता दिखाने, मार्गदर्शन करने व जीवन में कुछ बड़ा करने के लिए हमेशा प्रेरित करते हैं। शिक्षक हमारे लिए किसी भगवान से कम नहीं होते हैं। शिक्षक की हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका होती है। मैं कहना चाहूंगा शिक्षक केवल हमें किताबी दुनिया से रूबरू नहीं करवाते हैं, बल्कि उनका हमारे जीवन में एक अहम भूमिका होती है। शिक्षक हमें किताबों से अलग जीवन में सकारात्मक सोच रखने व एक अच्छा इंसान बनाने का भी प्रयास करते हैं।
ऐसे ही मैं बताना चाहूंगा कि भारत में शिक्षक दिवस भारत के दूसरे राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत में एक महान शिक्षक और दार्शनिक के रूप में जाने जाते हैं। उनका जन्म तमिलनाडु के एक छोटे से गांव तिरुमनी में 05 सितंबर, 1888 को हुआ था। एक बेहद ही साधारण परिवार से आने वाले सर्वपल्ली राधाकृष्णन को उनकी उपलब्धियों के लिए 27 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित भी किया गया है। इसके साथ ही उन्हें भारत रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
इसके अलावा, मैं भारत में प्रत्येक 05 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाए जाने के पीछे एक किस्से को भी साझा करना चाहूंगा। दरअसल जब सर्वपल्ली राधाकृष्णन बने तो उन्हें राष्ट्रपति बनने के लिए बधाई दी गई। इसी मौके पर उन्होंने कहा था यदि उनके जन्मदिवस के अवसर प्रत्येक पांच सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो उन्हें बहुत खुशी होगी। इसके बाद भारत में प्रत्येक पांच सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा