नई दिल्ली (नेहा): जाति जनगणना बोतल में बंद वह जिन्न है, जिस पर देश की तमाम राजनीतिक दलों की नजरें टिकी हैं। स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार होने जा रहे जाति आधारित जनगणना की दिशा में शनिवार को एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। सरकार आज इस जनगणना के पहले चरण यानी हाउसलिस्टिंग एंड हाउसिंग सेंसस (HLO) के लिए तैयार किए गए सेल्फ एन्यूमरेशन मॉड्यूल का परीक्षण शुरू करेगी। इस दौरान चुनिंदा इलाकों में एन्यूमरेटर (गणनाकर्मी) प्रमुख नागरिकों के घर जाकर वेबसाइट पर डिटेल भरने में उनकी मदद करेंगे।
ट्रायल दो चरणों में होगा। 1 से 7 नवंबर तक वेबसाइट के ज़रिये सेल्फ एन्यूमरेशन की प्रक्रिया चलेगी, जबकि 10 से 30 नवंबर तक एन्यूमरेटर घर-घर जाकर बाकी डेटा जुटाएंगे। यह जनगणना 2027 (Census 2027) का पहला चरण होगा, जिसमें मकान और परिवार से जुड़ी बुनियादी जानकारी ली जाएगी। पूरी प्रक्रिया 1 अप्रैल 2026 से 28 फरवरी 2027 के बीच दो चरणों में पूरी की जाएगी।
प्री-टेस्ट में घरों से करीब 30 सवाल पूछे जाएंगे. इनमें मकान नंबर, घर की छत और फर्श की सामग्री, परिवार प्रमुख का नाम और लिंग, परिवार में रहने वाले लोगों की संख्या, पीने के पानी का स्रोत, बिजली और शौचालय की सुविधा, खाना बनाने में उपयोग होने वाला ईंधन, टीवी, लैपटॉप, कंप्यूटर, कार, मोबाइल जैसी सुविधाओं की जानकारी शामिल होगी।


