नई दिल्ली (नेहा): अदालत ने डीसीपी नॉर्थ वेस्ट को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होकर अपने एक सब इंस्पेक्टर की ओर से जांच में लापरवाही पर सफाई देने का निर्देश दिया। मामला जानलेवा हमले का है। अदालत ने गौर किया कि जख्मी पर गोली चलाने वाले सुजल को गिरफ्तार नहीं किया गया है। अदालत ने जांच अधिकारी/एसआई प्रवेश कुमार से इस आरोपी को अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाने के संबंध में सफाई मांगी थी।
मामले में अन्य आरोपी हर्ष अंकित और गिरीश को न्यायिक हिरासत से अदालत के सामने पेश किया गया था। 3 सितंबर को सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि मामले में जांच अधिकारी प्रवेश कुमार को आरोपी सुजल, जो फरार बताया जा रहा है, के संबंध में अपनी सफाई देनी थी कि उसने कितनी तारीखों पर आरोपी को गिरफ्तार करने की कोशिश की, उसकी गिरफ्तारी या अगर वह फरार है तो उसे भगोड़ा अपराधी घोषित कराने की कोशिशों के संबंध में उसने मजिस्ट्रेट अदालत से क्या आदेश हासिल किए। पर न तो सफाई मिली और तो और, 4 मई को जो चार्जशीट दाखिल की गई, उसमें घायल का ओरिजिनल एमएलसी रिकॉर्ड नहीं है।
अदालत ने कहा, जांच अधिकारी की ओर से खामियों की वजह से बाकी आरोपी व्यक्तियों की जमानत अर्जियों पर सुनवाई लटकी हुई है। प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज निशा सहाय सक्सेना ने डीसीपी, नॉर्थ वेस्ट को व्यक्तिगत रूप से अपने सामने पेश होने और इस पर सफाई देने का निर्देश दिया। घायल का परीक्षण होने तक आरोपियों की जमानत अर्जियों को लंबित रख दिया गया। अदालत ने जख्मी को 18 सितंबर को पेश होने का आदेश दिया है।