नई दिल्ली (नेहा): अक्टूबर 2017 की एक तारीख थी। अमेरिका के आसमान में तगड़ी बिजली चमकी। बिजली ऐसी कि टेक्सास से लेकर कंसास तक दिखाई पड़ी। अब 8 साल बाद वैज्ञानिकों ने गणना कर यह पाया है कि ये बिजली दुनिया की सबसे लंबी आकाशीय बिजली थी। यह 829 किलोमीटर तक उत्तरी अमेरिका के आसमान में फैली हुई थी। इस घटना ने 29 अप्रैल 2020 को टेक्सास, लुइसियाना और मिसिसिपी में हुए 768 किलोमीटर लंबे मेगाफ्लैश का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया। अब तक इसे ही दुनिया की सबसे लंबी आकाशीय बिजली माना जाता था। लेकिन अब 2017 की आकाशीय बिजली ने यह रिकॉर्ड तोड़ दिया है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने गुरुवार को इसकी घोषणा की।
साइंस अलर्ट के अनुसार, धरती की सतह से 22,236 मील ऊपर GOES ईस्ट मौसम उपग्रह चक्कर लगाता है। शोधकर्ताओं ने इसी के डेटा का इस्तेमाल कर सबसे विशाल आकाशीय बिजली की गणना की। ऐसी घटनाओं को ग्राउंड बेस्ड लाइटनिंग डिटेक्शन नेटवर्क से पकड़ पाना आसान नहीं होता है। इस कारण इसमें सैटेलाइट का सहारा लिया जाता है।
100 किलोमीटर से अधिक के फैलाव वाले आकाशीय बिजली को दुर्लभ घटना माना जाता है और इसे मेगाफ्लैश कहते हैं। मेगाफ्लैश को ट्रैक करने में बेहद सावधानी बरतनी पड़ती है। सैटेलाइट से मिले डेटा को ग्राउंड बेस्ड डेटा से मिलाकर थ्री डी मैपिंग की जाती है और फिर गणना की जाती है। कई बार बादलों द्वारा बिजली के कुछ हिस्सों को ढक लिए जाने पर सही गणना नहीं हो पाती है।
आकाशीय बिजली एक अद्भुत प्राकृतिक घटना है, जो वायुमंडलीय विक्षोभ के कारण कणों के टकराने और विद्युत आवेश उत्पन्न होने पर घटित होती है। आवेश के बढ़ने के साथ ही बिजली एक विशाल विस्फोट के रूप में निकलती है और इससे आकाशीय बिजली पैदा होती है। वैज्ञानिकों ने संभावना जता है कि इससे भी बड़ी संभावनाएं मौजूद हो सकती हैं।