नई दिल्ली (नेहा): भारत रत्न, मशहूर वैज्ञानिक, देश के 11वें राष्ट्रपति और ‘मिसाइल मैन’ कहे जाने वाले डॉ. ए.पी.जे अब्दुल कलाम की आज 94वीं जयंती है। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। एक साधारण परिवार से आने वाले एपीजे अब्दुल कलाम ने हालातों से लड़ते हुए न सिर्फ अपनी पढ़ाई पूरी की, बल्कि वे देश के महान साइंटिस्ट बने। देश के लिए एपीजे अब्दुल कलाम के योगदान अविस्मरणीय हैं। यूपीएससी, एसएससी, बैंक या अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के जरिए उन्हें हर भारतीय तक पहुंचाया जा रहा है। उनसे जुड़ी बातों को जीके (जनरल नॉलेज) के तौर पर पढ़ाया-सिखाया जाता है। एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती पर हम उनके 7 विचारों के बारे में बता रहे हैं, जो हमेशा युवाओं को प्रेरणा देते रहेंगे।
डॉ. कलाम रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और बाद में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में शामिल हुए, जहां उन्होंने भारत के सैटेलाइट लॉन्ट व्हीकल प्रोग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अग्नि और पृथ्वी मिसाइलों के सफल विकास में उनके नेतृत्व ने उन्हें ‘भारत का मिसाइल मैन’ उपनाम दिया। 1998 में भारत के परमाणु हथियारों के परीक्षणों में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी, जिसने देश को एक परमाणु शक्ति संपन्न देश के रूप में स्थापित किया। अपनी वैज्ञानिक उपलब्धियों के बावजूद, डॉ. कलाम जमीन से जुड़े रहे और देश के विकास, खासकर शिक्षा के माध्यम से, पर केंद्रित रहे।