नई दिल्ली (पायल): राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम को लेकर देश में एक बार फिर सियासी पारा चढ़ते नजर आ रहा है। जहां एक ओर राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम की रचना के 150 साल पूरे होने के मौके पर पीएम मोदी ने एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी ने राष्ट्रीय गीत का अपमान करने के लिए कांग्रेस पर निशाना साधा है। भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता सीआर केसवन ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और कांग्रेस पर राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ के बोलों में बदलाव करके सांप्रदायिक एजेंडे को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि इस गीत से देवी दुर्गा के संदर्भों को कांग्रेस ने हटाया है।
बीजेपी के प्रवक्ता सीआर केसवन ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में पूर्व पीएम नेहरू की आलोचना की और सितंबर और अक्टूबर 1937 में नेताजी सुभाष बोस को लिखे गए पत्र साझा किए। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा कि हमारी युवा पीढ़ी के लिए यह जानना जरूरी है कि कैसे नेहरू की अध्यक्षता में कांग्रेस पार्टी ने अपने सांप्रदायिक एजेंडे को बेशर्मी से आगे बढ़ाते हुए, 1937 के फैजपुर अधिवेशन में पार्टी के राष्ट्रगीत के रूप में केवल एक संक्षिप्त वंदे मातरम को अपनाया।
आगे लिखा कि गौरवशाली वंदे मातरम हमारे राष्ट्र की एकता और एकजुटता की आवाज बन गया, जिसने हमारी मातृभूमि का सम्मान किया, राष्ट्रवादी भावना का संचार किया और देशभक्ति को बढ़ावा दिया। अंग्रेजों ने इसे गाना एक आपराधिक कृत्य घोषित कर दिया था। यह किसी विशेष धर्म या भाषा से संबंधित नहीं था। लेकिन कांग्रेस ने इस गीत को धर्म से जोड़ने का ऐतिहासिक पाप और भूल की। नेहरू के नेतृत्व वाली कांग्रेस ने धार्मिक आधार पर जानबूझकर वंदे मातरम के उन छंदों को हटा दिया जिनमें देवी मां दुर्गा का गुणगान किया गया था।


