नई दिल्ली (नेहा): वक्फ कानून 2025 पर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 15 अगस्त फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा साफ कर दिया कि इस कानून पर रोक लगाने का हमें अधिकार नहीं है। हालांकि, कोर्ट ने ये भी कहा कि कुछ धाराओं में सुरक्षा की जरूरत थी। उसी पर आगे की सुनवाई किया है, जिसमें वक्फ बोर्ड का मुख्य कार्यकारी अधिकारी कोई गैर मुस्लिम नहीं होने की सलाह दी गई है। साथ ही वक्फ की संपत्ति पर कलेक्टर के अधिकार पर कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कि उनका फैसला अंतिम नहीं माना जाएगा।
कोर्ट के इस फैसले पर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और याचिकाकर्ता इमरान प्रताप गढ़ी का पहला रिएक्शन आया है। उन्होंने कहा है कि ‘यह अच्छा फैसला है मै खुश हूं। वक्फ को बचाने की बड़ी लडाई है। हम लड़ते रहेंगे।’ वक्फ कानून की संवैधानिकता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वालों में कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी भी थे। इनके अलावा डीएमके, एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) और जमीयत उलमा-ए-हिंद ने इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।