रेणुकूट (नेहा): उत्तर प्रदेश में मानसूनी सक्रियता का दौर बना हुआ है। पूर्वांचल के रास्ते माह भर पूर्व मानसून ने जो दस्तक दी वह लगातार कायम है। पूर्वांचल में सोनभद्र और वाराणसी आदि जिलों में सामान्य से अधिक बारिश अब तक हो चुकी है। सोनभद्र में पूर्वांचल में सर्वाधिक बारिश हो रही है। इसकी वजह से बिजुल आदि पहाड़ी नदियों में उफान की स्थिति है। नदी नालों में उफान की वजह से बांधों का जलस्तर भी बढ़ गया है। अब बांधों में उफान को देखते हुए पानी भी छोड़ा जा रहा है। पानी छोड़ने की वजह से निचले इलाकों में भी जलभराव शुरू हो गया है।
पिपरी स्थित एशिया के विशालतम बांधों में शामिल रिहंद बांध के कैचमेंट एरिया में झमाझम बारिश के कारण इस वर्ष जुलाई माह में 24 वर्ष बाद रिहंद बांध का एक फाटक खोलना पड़ा। इसके लिए बांध प्रशासन की ओर से रविवार को ही आसपास के लोगों को अलर्ट किया गया था। लोगों को अलर्ट करने के बाद बांध का फाटक खोलकर पानी डिस्चार्ज किया जा रहा है।
लंबे समय के बाद बांध से जुलाई माह में पानी छोड़े जाने का नजारा देखकर स्थानीय लोग भी वहां पहुंच रहे हैं। हालांकि प्रशासन के स्तर पर लोगों को अलर्ट किया गया है। पानी छोड़े जाने से निचले स्तर पर जलस्तर में भी लगातार इजाफा हो रहा है। जलस्तर में इजाफा होने पर आगे और भी फाटक खोले जा सकते हैं। दरअसल मौसम विभाग ने आगे भी बारिश की संभावना जताई।
सोनभद्र में रिहंद बांध के जल विद्युत उत्पादन निगम के अधिशासी अभियंता शशिकांत राय ने बताया कि दिन में 11:15 बजे बांध के सात नंबर गेट को करीब पांच फीट तक खोलकर 4050 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है। वहीं दूसरी ओर चार टरबाइन से 12,240 क्यूसेक पानी निकल रहा हैl
उन्होंने बताया कि 2001 में जुलाई माह में हुई अच्छी बारिश के कारण 25 जुलाई को बांध के फाटक खोले गए थे। उन्होंने बताया कि बांध का जलस्तर रविवार की सुबह 866.7 फीट पर था, वहीं रविवार की देर रात से ही यह 867.8 फीट पर स्थिर हो गया था। सुबह 10 बजे तक बांध का जलस्तर लगातार 867.8 फीट पर ही बना हुआ था लेकिन 11 बजे तक बांध का जलस्तर एक बार फिर जब बढ़ने लगा तो 868 फीट पार करते ही बांध का एक फाटक खोल दिया गया।