नई दिल्ली (नेहा): एक अमेरिकी अदालत के एक फेडरल जज ने मंगलवार को गूगल से जुड़े मामले में बड़ा फैसला सुनाया। जज ने कहा कि गूगल को अपने सर्च रिजल्ट्स और कुछ डेटा अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों को सौंपना होगा। हालांकि जज ने कहा कि गूगल को अपना क्रोम वेब ब्राउजर बेचकर खुद को विभाजित करने की जरूरत नहीं है।कोलंबिया के अमेरिकी जिला अदालत के जज अमित पी. मेहता द्वारा दिया गया यह फैसला, सिलिकॉन वैली की पावर पर लगाम लगाने के लिए सरकार द्वारा प्रस्तावित बदलावों से हल्का माना जा रहा है।
जज मेहता ने 223 पेज के अपने फैसले में कहा कि गूगल को अपने एकाधिकार यानी मोनोपोली को समाप्त करने के लिए अपने कुछ सर्च डेटा को “क्वालिफाइड कॉम्पिटिटर्स” के साथ शेयर करना होगा। न्याय विभाग ने न्यायाधीश से गूगल को अपना और भी ज्यादा डेटा शेयर करने के लिए बाध्य करने को कहा था और तर्क ये दिया था कि यह गूगल के डोमिनेंस के लिए महत्वपूर्ण है।
न्यायाधीश मेहता ने उन पेमेंट्स पर भी रोक लगा दी जिनका उपयोग गूगल अपने सर्च इंजन को वेब ब्राउजर और स्मार्टफोन पर प्रमुखता से दिखने के लिए करता है। हालाँकि, उन्होंने उन भुगतानों पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाया और सरकार के उस अनुरोध को भी स्वीकार नहीं किया जिसमें गूगल को क्रोम बेचने के लिए बाध्य किया गया था। इसके बारे में सरकार का कहना था कि सर्च मोनोपोली के रूप में कंपनी की शक्ति को कम करने के लिए यह जरूरी है।
एकाधिकार को कैसे दूर किया जाए, इस पर यह फैसला आधुनिक इंटरनेट युग में अपनी तरह का पहला है। 20 साल से भी ज्यादा पहले माइक्रोसॉफ्ट के खिलाफ एक अविश्वास प्रस्ताव के बाद से टेक्निकल फील्ड को बराबर करने का एक अहम प्रयास भी माना जा रहा है। आगे गूगल ने अपील करने की योजना बनाई है, और यह मामला कई सालों तक अदालतों में उलझा रहने की संभावना है।