नई दिल्ली (नेहा): बॉलीवुड के मशहूर सिंगर और असमी म्यूजिक के लीजेंड जुबिन गर्ग का निधन स्कूबा डाइविंग के दौरान हो गया। जुबिन सिंगापुर में छुट्टियां बिता रहे थे और इस दौरान उन्होंने स्कूबा डाइविंग में एडवेंचर करने की सोची। लेकिन यह सोच उनकी आखिरी सोच साबित हुई है और स्कूबा डाइविंग की छलांग उनकी अंतिम छलांग बन गई। महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस स्कूबा डाइविंग की वजह से जुबिन गर्ग की मौत हुई वह स्कूबा डाइविंग आखिर है क्या। बहुत से लोग इसके बारे में नहीं जानते। शुरुआती रिपोर्ट में कहा गया है कि स्कूबा डाइविंग के दौरान जुबिन का एक्सीडेंट हो गया जिनकी वजह से उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. ऐसे में सवाल है कि क्या स्कूबा डाइविंग इतना खतरनाक है। आइए इन सबके बारे में जानते हैं।
पानी की दुनिया को देखने के लिए कुछ लोग समंदर के नीचे जाते हैं और उसका नयनाभिरान करते हैं। विज्ञान ने यह काम सुलभ बना दिया है। इसके लिए आपके शरीर में कई सारे इक्वीपमेंट लगे होते हैं जिनके सहारे आपको पानी की गहराइयों में जाना है। बस इसके लिए आपको हिम्मत होनी चाहिए क्योंकि अगर हिम्मत ने जवाब दी तो वहीं खेल खत्म हो गया। इस तरह स्कूबा डाइविंग एडवेंचरस वाटर डाइविंग थ्रिल है जिसमें लोग पानी के अंदर डूबकर पानी की चीजों को देखते हैं। इसके लिए वे शरीर में कई यंत्र लगाकर जाते हैं। वे ऑक्सीजन लेकर जाते हैं। SCUBA का मतलब होता है Self Contained Underwater Breathing Apparatus। यानी सांसों को सुचारु रुप से जारी रखने के लिए कई सारे उपकरण और एक टैंक में संचित हवा की जरूरत होती है। यह एक तरह से गोताखोरी भी है. सामान्य गोताखोरी। इसमें गोताखोर सतह से पूरी तरह स्वतंत्र होकर पानी के अंदर सांस ले पाता है।
स्कूबा टैंक और रेगुलेटर-इसी टैंक में ऑक्सीजन और अन्य गैसें होती है जिसे स्टोर किया जाता है। डाइवर्स तक पहुंचाने के लिए रेगुलेटर हवा को सांस के लिए उपयुक्त दबाव पर लाता है। जिससे डाइविंग सुलभ हो पाता है। इसमें डाइविंग मास्क की जरूरत होती है जो पानी के नीचे साफ़ और स्पष्ट देखने में मदद करता है। वही पैरों में पंख या फिन्स की जरूरत होती है ताकि डाइविंग के दौरान तेज़ी से और कम मेहनत से तैर सकें। इसके साथ वेटसूट या ड्राईसूट चाहिएजो शरीर को ठंडे पानी से बचाने और थर्मल इंसुलेशन दे सके। एक बॉयेसी कंट्रोल डिवाइस होता है जो पानी में तैरने या डूबने की स्थिति को नियंत्रित करता है। वही पानी के अंदर की गहराई, समय और डिकंप्रेशर स्टॉप की जानकारी के लिए कंप्यूटर या गेज की जरूरत होती है। इसके साथ ही वेट बेल्ट, फ्लोटिंग पॉस्ट, डाइव नाईफ और लाइट आदि भी गोताखोर अपने साथ ले जाते हैं।