नई दिल्ली (नेहा): पंजाब 1988 के बाद की सबसे विनाशकारी बाढ़ से जूझ रहा है, जिसमें अब तक 30 लोगों की जान जा चुकी है। सभी 23 जिले प्रभावित हैं और 1,400 से अधिक गांव जलमग्न हो गए हैं। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण सतलुज, व्यास और रावी नदियों में उफान ने स्थिति को भयावह बना दिया है। अगस्त में 253.7 मिमी बारिश, जो सामान्य से 74% अधिक है, ने संकट को और गहरा दिया। गुरदासपुर (324 गांव), कपूरथला (123 गांव), और फिरोजपुर (107 गांव) सबसे अधिक प्रभावित हैं।
बाढ़ ने 1.48 लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि पर फसलों को नष्ट कर दिया, जिससे धान की फसल को भारी क्षति पहुंची है। पंजाब सरकार ने विशेष गिरदावरी शुरू की है ताकि नुकसान का आकलन कर किसानों को मुआवजा दिया जा सके। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र से 60,000 करोड़ रुपये की सहायता मांगी है। सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, और बीएसएफ की टीमें बांधों को मजबूत करने, भोजन और चारा पहुंचाने, और जल निकासी चैनलों को साफ करने में जुटी हैं। 174 राहत शिविरों में 7,144 लोग शरण लिए हुए हैं, जहां सूखा राशन, दवाइयां और पशु चारा उपलब्ध कराया जा रहा है