नई दिल्ली (नेहा): ब्रिटेन के यूट्यूबर ‘Cenzo’ एक वीडियो के चलते विवादों में आ गए हैं। वीडियो में वह लंदन स्थित ISKCON के गोविंदा रेस्टोरेंट में बैठकर KFC से लाया हुआ चिकन खाते नजर आते हैं। यह रेस्टोरेंट कृष्ण भक्तों द्वारा चलाया जाता है और पूरी तरह से शाकाहारी है। यहां मांसाहार सख्ती से वर्जित है क्योंकि यह धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा स्थान है। वीडियो में Cenzo पहले पूछते हैं कि क्या यहां मांस मिलता है और जब जवाब ‘नहीं’ मिलता है तो वह अपनी चिकन डिश टेबल पर रखकर खाना शुरू कर देते हैं। इतना ही नहीं, वह वहां मौजूद लोगों और कर्मचारियों को भी वह मांसाहारी खाना ऑफर करते हैं। इससे रेस्टोरेंट का माहौल असहज हो गया और अंततः कर्मचारियों ने उन्हें बाहर निकाल दिया।
यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया और Cenzo पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा। लोगों ने इसे जानबूझकर किया गया अपमान बताया और कहा कि यह किसी पवित्र स्थान का मजाक उड़ाने जैसा है। कई यूज़र्स ने इसे सांस्कृतिक और नस्लीय असंवेदनशीलता की श्रेणी में भी रखा। बढ़ते विरोध के बाद Cenzo ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी और कहा कि उन्होंने इस रेस्टोरेंट से संपर्क कर लिया है और खुद जाकर माफी मांगने की योजना है। उन्होंने स्वीकार किया कि यह उनका “गलत समय पर किया गया, गैर-जिम्मेदाराना” कदम था और उन्होंने एक ऐसी सीमा लांघ दी जिसे नहीं लांघना चाहिए था। Cenzo ने कहा, “मेरे लिए वो एक मजाक था, लेकिन असल में यह मजाक नहीं था।”
सोशल मीडिया पर हो रहे आलोचनाओं के बाद Cenzo ने बताया कि उन्होंने ISKCON और गोविंदा रेस्टोरेंट के धार्मिक मूल्यों और परंपराओं को लेकर रिसर्च की। उन्होंने स्वीकार किया कि वहां की मान्यताएं हिंसा रहित जीवन और पशु-पक्षियों के प्रति करुणा पर आधारित हैं। Cenzo ने कहा कि उनकी हरकत उस समुदाय को ठेस पहुंचाने वाली थी और वह इसके लिए दिल से माफी मांगते हैं। हालांकि Cenzo का कहना है कि उन्हें इस रेस्टोरेंट के धार्मिक जुड़ाव की पूरी जानकारी नहीं थी लेकिन वह ISKCON मंदिर के पास ही थे जब उन्होंने वीडियो शूट किया।
उन्होंने इस कृत्य को एक “ग़लत तरीके से किया गया मज़ाक” बताया और अब वह वीडियो अपने चैनल से हटा चुके हैं। इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या मज़ाक और कंटेंट के नाम पर धार्मिक और सांस्कृतिक मर्यादाओं की अनदेखी जायज़ है? Cenzo के इस वीडियो ने कंटेंट क्रिएटर्स की सामाजिक ज़िम्मेदारी और बहुसांस्कृतिक समाज में संवेदनशीलता की अहमियत पर नई बहस छेड़ दी है।