उत्तराखंड विधानसभा में मंगलवार को यूनिफार्म सिविल कोड (UCC) बिल प्रस्तुत किया जाएगा, जैसा कि विधानसभा के अध्यक्ष रितु खंडूरी ने घोषणा की है। इस बिल की प्रस्तुति से राज्य में एक समान नागरिक संहिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
एक समान नागरिक संहिता की ओर
उत्तराखंड सरकार ने इस बिल के माध्यम से सभी नागरिकों के लिए एक समान कानूनी प्रक्रिया और अधिकारों की स्थापना का प्रयास किया है। इस पहल को समाज में विविधता के बावजूद एकता और समानता की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है।
रितु खंडूरी के अनुसार, यह बिल राज्य में न्यायिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने के साथ-साथ नागरिकों को एक समान अधिकार प्रदान करने की दिशा में एक कदम है। इस बिल की प्रस्तुति से पहले व्यापक चर्चाएं और विचार-विमर्श हुए हैं, जिसमें विभिन्न समुदायों और सामाजिक समूहों की राय शामिल है।
समाज में एकता का प्रयास
यूनिफार्म सिविल कोड के प्रस्तावित बिल का मुख्य उद्देश्य समाज में एकता और समानता स्थापित करना है। इसके माध्यम से, सरकार विविधता में एकता के भारतीय आदर्श को मजबूत करने की कोशिश कर रही है।
इस बिल की प्रस्तुति से उत्तराखंड राज्य ने राष्ट्रीय स्तर पर एक समान नागरिक संहिता की दिशा में अग्रणी भूमिका निभाने की पहल की है। यह बिल न केवल राज्य के लिए बल्कि पूरे देश के लिए एक मॉडल के रूप में काम कर सकता है।
विधानसभा में इस बिल की प्रस्तुति के साथ, उत्तराखंड सरकार ने एक समान नागरिक संहिता की दिशा में एक ठोस कदम उठाया है। इस पहल का उद्देश्य समाज में समानता और न्याय को बढ़ावा देना है, जिससे सभी नागरिकों को एक समान अधिकार और अवसर प्रदान हो सकें।