गुवाहाटी (नेहा): असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का कहना है कि धर्म और राजनीति के मिश्रण से अक्सर समाज में विभाजन पैदा होता है। उन्होंने यह भी बताया कि उनकी सरकार का प्रयास हमेशा यही रहा है कि सभी समुदायों के बीच सामंजस्य और एकता बनी रहे।
सर्मा ने यह भी जोर दिया कि धार्मिक त्योहारों और आयोजनों का उपयोग राजनीतिक लाभ के लिए नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनकी सरकार का मकसद हर धर्म के लोगों को समान रूप से समर्थन और सुरक्षा प्रदान करना है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि धार्मिक सहिष्णुता को बढ़ावा देने और राजनीतिक परिदृश्य में धार्मिक तुष्टिकरण से बचने के लिए उनकी सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके राज्य में धार्मिक सद्भाव कायम रखना उनकी प्राथमिकता है।
सर्मा ने इस बात की ओर भी इशारा किया कि चुनावी माहौल में धार्मिक मुद्दों को उठाना अक्सर विपक्षी दलों द्वारा जनता को भ्रमित करने का एक तरीका होता है। उन्होंने आग्रह किया कि मतदाताओं को ऐसे मुद्दों से ऊपर उठकर सोचना चाहिए और विकासोन्मुख नीतियों पर ध्यान देना चाहिए।
अंत में, असम के मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि धार्मिक सौहार्द को बनाए रखने और सभी समुदायों के बीच न्याय और समानता की गारंटी देने के लिए उनकी सरकार कटिबद्ध है। उन्होंने जोर देकर कहा कि असम की भविष्य की उन्नति में सभी धर्मों के लोगों का समान योगदान होगा।