नई दिल्ली: भारत सरकार ने अगले 4 से 5 महीनों में ‘भारत’ ब्रांड के तहत एफसीआई चावल और गेहूं के आटे की 15 लाख टन की बिक्री की उम्मीद जताई है, खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने गुरुवार को कहा।
भारत अनाज और आटा: एक नया अध्याय
सरकार ने भारत आटा और चावल को तीन एजेंसियों – नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (नाफेड), नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनसीसीएफ) और केन्द्रीय भंडार के माध्यम से बेचना शुरू किया है।
पिछले वर्ष नवंबर से ‘भारत आटा’ की खुदरा बिक्री शुरू हुई थी, जबकि ‘भारत चावल’ की बिक्री 6 फरवरी से शुरू हुई है, ताकि कीमतों को नियंत्रण में रखा जा सके।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य आम आदमी तक गुणवत्तापूर्ण अनाज और आटा पहुंचाना है। सरकार का मानना है कि ‘भारत’ ब्रांड के तहत बेचे जाने वाले उत्पाद न केवल गुणवत्ता में उच्च होंगे बल्कि जनता को उचित मूल्य पर भी उपलब्ध होंगे।
संजीव चोपड़ा के अनुसार, यह पहल न केवल खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देगी बल्कि खाद्यान्न की कीमतों को भी स्थिर रखने में मदद करेगी। ‘भारत’ ब्रांड के तहत अनाज और आटे की बिक्री से, सरकार को आशा है कि इससे बाजार में एक सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
आगे चलकर, यह उम्मीद की जाती है कि ‘भारत’ ब्रांड खाद्य पदार्थों का एक प्रमुख नाम बन जाएगा, जिससे न केवल भारतीय कृषि को बढ़ावा मिलेगा बल्कि आम आदमी की जेब पर भी कम बोझ पड़ेगा। सरकार द्वारा इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए अन्य खाद्य पदार्थों को भी ‘भारत’ ब्रांड के तहत बेचने की योजना है।
इस तरह की पहलों से न केवल खाद्यान्न की गुणवत्ता और सुलभता में सुधार होगा बल्कि यह भारतीय कृषि और खुदरा क्षेत्र को भी नई दिशा प्रदान करेगा।