हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक हलचल के बीच, कांग्रेस ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। 29 फरवरी को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपने पद पर बने रहेंगे। इस घोषणा के साथ ही, पार्टी ने यह भी बताया कि पार्टी और उसके विधायकों के बीच सभी मतभेदों को सुलझा लिया गया है।
हिमाचल में कांग्रेस की एकता
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कर्नाटक के उप-मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा, और हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने भाग लिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि पार्टी अब लोकसभा चुनावों पर अपना पूरा ध्यान केंद्रित करेगी, जिसे उन्होंने अपनी प्राथमिकता बताई।
राज्यसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के 6 विधायकों को अयोग्य ठहराने के बाद उत्पन्न विवाद पर भी चर्चा की गई। ये विधायक, जिन्होंने क्रॉस वोटिंग की थी, अब हाईकोर्ट में अपनी अयोग्यता के फैसले को चुनौती दे रहे हैं।
इस बीच, भाजपा ने भी अपनी रणनीति को मजबूत किया है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि अयोग्य ठहराए गए विधायक जाहिर तौर पर उनके साथ हैं और अगर प्रतिभा सिंह भाजपा में शामिल होती हैं, तो उनका स्वागत है।
कांग्रेस के बागी विधायकों ने, जिन्होंने राज्यसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में वोट दिया था, अब विधानसभा स्पीकर द्वारा अयोग्य ठहराए जाने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। इससे स्पष्ट होता है कि हिमाचल की राजनीति में तनाव अभी भी बरकरार है।
सम्पूर्ण घटनाक्रम में कांग्रेस की एकजुटता और विवादों को सुलझाने की क्षमता पर जोर दिया गया है। सुक्खू की नेतृत्व क्षमता और उनके पद पर बने रहने का निर्णय, हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के लिए एक नई शुरुआत की उम्मीद जगाता है।