अलास्का (नेहा): अलास्का के तट से करीब 300 मील दूर समुद्र में एक बड़ा हादसा हुआ, जब 3,000 कारों से भरे एक कार्गो जहाज मॉर्निंग मिडास में भीषण आग लग गई। इन कारों में करीब 800 इलेक्ट्रिक वाहन भी थे, जिनमें अत्यधिक ज्वलनशील लिथियम-आयन बैटरियां लगी थीं। आग पर काबू पाना इतना खतरनाक था कि अमेरिकी तटरक्षक बल को जहाज को 24 घंटे से ज्यादा समय तक जलने देना पड़ा। चीन से मैक्सिको जा रहे एक जहाज में मौजूद 3000 इलेक्ट्रिक कारें अचानक धू-धूकर जलने लगीं। हैरानी की बात तो ये थी कि इन्हें जलता देखकर कार्गो शिप में मौजूद स्टाफ ने भी बुझाने की कोशिश करने के बजाय उससे निकलकर भाग गए।
मंगलवार को दोपहर में धुआं उठने के 15 मिनट बाद ही जहाज से इमरजेंसी का सिंबल भेजा गया. क्रू के पास आग पर काबू पाने का कोई तरीका नहीं था, ऐसे में जैसे ही आग ने रफ्तार पकड़ी, सभी 22 क्रू सदस्य जहाज छोड़कर लाइफबोट में सवार हो गए। गनीमत ये रही कि पास के एक कॉमर्शियल शिप ने उन्हें बचा लिया। तटरक्षक बल ने बताया कि लिथियम-आयन बैटरियां अधिक गर्म होने पर फट सकती हैं और जहरीली गैसें छोड़ सकती हैं. ऐसे में आग बुझाने की कोशिश करना चालक दल और बचावकर्मियों के लिए जानलेवा हो सकता था। इसलिए जहाज को सुरक्षित दूरी से जलते हुए देखा जा सकता था।
जहाज की मालिक कंपनी, लंदन स्थित ज़ोडियाक मैरीटाइम ने कहा कि पास में कोई फायरफाइटर शिप मौजूद नहीं था। अब एक विशेष बचाव टीम के सोमवार को पहुंचने की उम्मीद है। अमेरिकी एजेंसियां इस हादसे की जांच की योजना बना रही हैं। यह जहाज 26 मई को चीन के यांताई से रवाना हुआ था और शंघाई तथा नान्शा जैसे प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन निर्यात केंद्रों से होते हुए 15 जून को मेक्सिको के लाज़ारो कार्डेनास बंदरगाह पहुंचने वाला था। इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी के अनुसार साल 2023-24 में मेक्सिको में बिके 60 फीसदी से अधिक ईवी चीन से आयात किए गए थे।