नई दिल्ली (राघव): इजरायल के हमले में ईरान रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के चीफ हुसैन सलामी समेत टॉप न्यूक्लियर साइंटिस्ट्स की मौत की खबर है। इस हमले में सलामी के अलावा, सरदार रशीद (खतम अल अंबिया के प्रमुख), डॉ. फ़ेरीडाउन अब्बासी (परमाणु वैज्ञानिक),डॉ. तेहरांची (परमाणु वैज्ञानिक) समेत ईरान की आर्मी की कई कमांडर्स और परमाणु वैज्ञानिकों की मौत होने की खबर है। हमलों में राजधानी तेहरान और उसके आस-पास के अन्य स्थानों के साथ-साथ अन्य शहरों को भी निशाना बनाया गया। सूत्रों के मुताबिक रिवोल्यूशनी गार्ड के चीफ के अलावा ईरान के सैन्य प्रमुख मोहम्मद बाघेरी और सेना के कई टॉप अधिकारी और परमाणु वैज्ञानिक इन हमलों में मारे गए हैं।
ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड ईरान की सबसे ताकतवर फोर्स मानी जाती है। यह न सिर्फ मिसाइल्स बनाती है बल्कि देश के अंदर विरोध को कुचलने का काम भी करती है। रिवोल्यूशनरी गार्ड ईरान से बाहर सीरिया, इराक, यमन और लेबनान में ईरानी एजेंडा भी चलाती है। इजरायल के हमले में मारे गए सलामी का रुतबा इतना बड़ा था कि वे ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनेई को रिपोर्ट करते थे। हर तरह ते सीक्रेट ऑपरेशन, जवाबी कार्रवाई और अहम रणनीति से जुड़ी फाइलें पहले सलामी के टेबल से गुजरती थी।
इजरायल ने शुक्रवार को बताया कि उसने ईरान पर हमला किया है। ईरानी मीडिया ने भी बताया कि तेहरान में विस्फोटों की आवाज सुनी गई है। इस बीच इजरायल ने कहा कि वह ईरान की ओर से होने वाली जवाबी कार्रवाई को लेकर अलर्ट है। इजरायल में इमरजेंसी घोषित कर दी गई है। इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि हमने नतांज में ईरान के मुख्य न्यूक्लियर प्लांट को निशाना बनाया है। इसके साथ ही ईरान के न्यूक्लियर प्रोजेक्ट पर काम करे प्रमुख परमाणु वैज्ञानिकों को भी टारगेट किया है। इजरायल ने ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम के सेंटर पर भी हमला किया। नेतन्याहू ने कहा कि मैं अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप और उनके नेतृत्व को ईरान के परमाणु कार्यक्रम का सामना करने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।