स्लामाबाद (नेहा): पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल जनरल असीम मुनीर आज अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ लंच करने जा रहे हैं। पाकिस्तान का दावा है कि कश्मीर और भारत को लेकर बातचीत हो सकती है। वहीं विश्लेषकों ने पाकिस्तान को चेतावनी भी दे दी है। असल में असीम मुनीर ऐसे समय पर अमेरिका पहुंचे हैं जब अमेरिका ईरान पर हमले का लगभग मन बना चुका है। अमेरिका के फाइटर जेट और परमाणु एयरक्राफ्ट कैरियर खाड़ी के इलाके में जमा हो रहे हैं। जनरल मुनीर ने अपने अमेरिका दौरे पर कहा कि पाकिस्तान इजरायल के खिलाफ लड़ाई में पड़ोसी ईरान का स्पष्ट और पुरजोर समर्थन करता है। साथ ही अमेरिका के तनाव को कम करने के प्रयास का भी समर्थन करता है। असीम मुनीर भले ही ईरान के समर्थन का दावा कर रहे हैं लेकिन इससे एक्सपर्ट सहमत नहीं हैं।
एक्सपर्ट का कहना है कि ईरान के खिलाफ अगर अमेरिका जंग में कूदता है तो पाकिस्तान का एयरबेस इस्तेमाल कर सकता है और इसीलिए मुनीर को ट्रंप का इतना भाव दे रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति का एक आर्मी चीफ से मिलना खुद पाकिस्तानियों को पच नहीं रहा है। पाकिस्तान के पत्रकार और विश्लेषक वकास ने एक्स पर लिखा, ‘यह हैरान करने वाला है कि ट्रंप पाकिस्तान के आर्मी चीफ के साथ लंच करने जा रहे हैं। वह भी तब जब उनके समकक्ष पाकिस्तान के पीएम होते हैं। एक निचले दर्जे के सरकारी अधिकारी से मुलाकात प्रोटोकाल के बाहर है लेकिन यह दिखाता है कि ट्रंप को जनरल मुनीर की जरूरत है। ईरान के साथ युद्ध में पाकिस्तान के सपोर्ट पर ट्रंप बात करने जा रहे हैं।’
अमेरिका के दक्षिण एशियाई मामलों के विशेषज्ञ माइकल कुगलमैन कहते हैं कि अमेरिका के राष्ट्रपति का पाकिस्तान के किसी आर्मी चीफ को लंच पर बुलाना अपने आप में दुर्लभ है। ट्रंप और जनरल मुनीर के बीच मुलाकात की एक बड़ी वजह ईरान के युद्ध में कूदने की संभावना है जिस पर ट्रंप प्रशासन विचार कर रहा है। इसके अलावा ट्रंप और असीम मुनीर के बीच खनिज, क्रिप्टो, आतंकवाद निरोधक अभियान पर भी बातचीत होगी। ट्रंप की इन सबमें निजी रुचि है। मुनीर इन सब पर बातचीत करने जा रहे हैं। इसके अलावा कश्मीर पर भी बातचीत होगी।
पश्चिम एशिया मामलों के विशेषज्ञ कबीर तनेजा ने एक्स पर लिखा, ‘ट्रंप जनरल मुनीर से मिलने जा रहे हैं। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि डोनाल्ड ट्रंप पाकिस्तान से ईरान के खिलाफ सहयोग मांगेंगे। इसमें अमेरिकी सेना को पाकिस्तानी एयरबेस मुहैया कराना शामिल है। पाकिस्तानी सेना के लिए यह एक मोहक ऑफर है लेकिन पड़ोसी ईरान से भिड़ने पर तेहरान भारत के और ज्यादा करीब जा सकता है।’ ट्रंप और मुनीर की यह मुलाकात बंद दरवाजे के बीच होने जा रही है और मीडिया को भी अनुमति नहीं होगी।