नई दिल्ली (नेहा): ईरान के तीन प्रमुख न्यूक्लियर साइट्स फोर्डो, नतांज और एस्फाहान पर अमेरिकी हमले के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने देश को संबोधित किया। ट्रंप ने बताया कि अमेरिका का मकसद ईरान की ‘न्यूक्लियर एनरिचमेंट कैपेसिटी’ को तबाह करना था। यूएस चाहता था कि ईरान के परमाणु खतरे को हमेशा के लिए खत्म किया जाए। अमेरिका का ईरान पर यह हमला भारतीय समय के अनुसार रविवार सुबह 4.30 बजे हुआ है।
ईरान पर एयर स्ट्राइक के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि बीते 40 साल से ईरान, अमेरिका के खिलाफ काम कर रहा है। कई अमेरिकी इस नफरत का शिकार हुए हैं इसलिए उन्होंने तय किया है कि अब यह और नहीं चलेगा। ट्रंप ने कहा, “या तो शांति होगी या त्रासदी। अभी कई टारगेट बचे हैं। अगर शांति जल्दी नहीं आती है, तो हम और अधिक सटीक हमलों के साथ अन्य लक्ष्यों पर हमला करेंगे।” इसके साथ ही ट्रंप ने बताया कि जो टारगेट चुने गए थे, वह सबसे कठिन थे। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर ईरान ने इजरायल के साथ अपना संघर्ष खत्म नहीं किया, तो वह अधिक सटीक हमले करेगा।
ईरान पर एयर स्ट्राइक के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने ‘ट्रुथ’ पर लिखा, “हमने ईरान में तीन न्यूक्लियर साइट्स पर अपना बहुत सफल हमला पूरा कर लिया है, जिसमें फोर्डो, नतांज और एस्फाहान शामिल हैं। सभी प्लेन अब ईरान के एयर स्पेस से बाहर हैं। हमारे महान अमेरिकी योद्धाओं को बधाई। दुनिया में कोई और सेना नहीं है, जो ऐसा कर सकती थी। अब शांति का समय है! इस मामले पर आपका ध्यान देने के लिए धन्यवाद।”
एक अन्य पोस्ट में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि ईरान को अब संघर्ष खत्म करने के लिए सहमत होना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने ईरान से शांति कायम करने को कहा है। साथ ही कहा है कि अगर ईरान ऐसा नहीं करता, तो उस पर और बड़े हमले किए जाएंगे। उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा कि ईरान को अब इस युद्ध को समाप्त करने के लिए सहमत होना चाहिए। ट्रंप का कहना है कि अब ईरान को शांति कायम करना चाहिए। अगर वह ऐसा नहीं करता है, तो उस पर और बड़े हमले किए जाएंगे।