नई दिल्ली (नेहा): इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भले ही ईरान से जंग जीतने का दावा करें और दुनिया उनकी तारीफ करे, लेकिन अपने घर में ही नेतन्याहू बुरी तरह से घिरे हुए हैं। अब तो अदालत ने भी उन्हें राहत देने से मना कर दिया है। दरअसल, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर इजरायल में ही भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। मामला अदालत तक पहुंच गया है और वहां सुनवाई भी होनी है। नेतन्याहू ने कोर्ट से कुछ दिनों की मोहलत मांगी है, लेकिन अदालत प्रधानमंत्री की भी बात सुनने को राजी नहीं है।
दरअसल, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ इजरायल में कम से कम तीन भ्रष्टाचार के मुकदमे दर्ज हैं। बेंजामिन नेतन्याहू पर आरोप है कि उन्होंने अलग-अलग समय पर अलग-अलग मंत्रालयों में रहते हुए घूस ली, धोखाधड़ी की, देश का भरोसा तोड़ा, महंगे-महंगे तोहफे लिए और इसके बदले में कारोबारियों को बड़े-बड़े फायदे पहुंचाए। केस 1000 में नेतन्याहू पर आरोप है कि उन्होंने संचार मंत्री रहते हुए खरबपति कारोबारी ऑर्नन मिलचैन को फायदा पहुंचा और बदले में करीब दो लाख डॉलर की रकम के सिगार, शैंपेन और पत्नी सारा नेतन्याहू के लिए जूलरी गिफ्ट में ले ली।
इसके अलावा, केस 2000 में नेतन्याहू पर आरोप है कि उन्होंने इजरायल के एक बड़े अखबार येडीओथ अहरोनोथ में अपनी मर्जी की खबरें छपवाने के लिए उसके मालिक अरनोन मोजेज के साथ डील की और अरनोन मोजेज के विरोधी इजरायल हायोम की ग्रोथ रोकने के लिए कई प्रतिबंध लगा दिए। वहीं, केस 4000 में भी नेतन्याहू पर आरोप हैं कि उन्होंने इजरायल की टेलीकम्युनिकेशन कंपनी बेजेक को फायदा पहुंचाया और बदले में अपनी और अपनी पत्नी की पॉजिटिव कवरेज करवाई।
बाकी केस 1270 में आरोप था कि नेतन्याहू ने अपनी पत्नी के खिलाफ एक केस को बंद करवाने के लिए एक जज को इजरायल का अटॉर्नी जनरल बनने का ऑफर दिया, जबकि केस 3000 में आरोप था कि जर्मन कंपनी से सबमरीन और दूसरे हथियार खरीदने में नेतन्याहू के घरवालों को फायदा पहुंचाया गया। हालांकि ये दोनों केस ट्रायल तक नहीं पहुंच पाए हैं।
कोर्ट पहुंचे तीन केस में से एक केस 1000 के ट्रायल के लिए यरूशलम की डिस्ट्रिक्ट कोर्ट प्रधानमंत्री नेतन्याहू को कोर्ट में तलब कर रही है, लेकिन नेतन्याहू बार-बार अदालत से समय मांग रहे हैं। इस केस का ट्रायल मई, 2020 से ही शुरू होना था, लेकिन ये लगातार टलता रहा। नेतन्याहू की टीम सुनवाई टालने के लिए अपील करती रही और अदालत अपील मानती रही।
हालांकि इस बार ऐसा नहीं है. अभी 26 जून को ही प्रधानमंत्री नेतन्याहू के वकील ने अदालत से सुनवाई को दो महीने के लिए टालने की अर्जी दी थी, लेकिन अदालत ने वो अर्जी खारिज कर दी। अब नेतन्याहू के वकील ने फिर से 27 जून को अदालत को अर्जी दी है और कहा है कि प्रधानमंत्री इस वक्त डिप्लोमेटिक उलझने सुलझाने में लगे हैं और उनका अगला दो सप्ताह बेहद व्यस्त है, लिहाजा सुनवाई में छूट दी जाए। नेतन्याहू की ओर से अदालत में उनके अगले दो हफ्ते का शेड्यूल भी कोर्ट में पेश किया गया है।
हालांकि, अदालत ने इस दूसरी रिक्वेस्ट पर कोई फैसला नहीं सुनाया है। लेकिन एक बात तो तय है कि भले ही थोड़ी देर हो, कुछ और वक्त लगे, लेकिन इजरायल के प्रधानमंत्री को अदालत के कटघरे में खड़ा होना ही पड़ेगा और अपने तीनों मुकदमों यानी कि केस 1000, केस 2000 और केस 4000 पर अपनी सफाई देनी पड़ेगी। अगर इन मामलों में बेंजामिन नेतन्याहू को दोषी पाया जाता है, तो उन्हें कम से कम 10 साल की सजा हो सकती है।