शिमला (नेहा): हिमाचल प्रदेश में मानसून ने रौद्र रूप दिखाया है. जिससे मची भारी तबाही से हिमाचल उभर नहीं पा रहा है। बीते 72 घंटों के दौरान राज्य में बादल फटने की 14 और फ्लैश फ्लड की 3 घटनाएं दर्ज की गई हैं। इनमें अकेले मंडी जिले में 13 स्थानों पर बादल फटे, जिससे सबसे अधिक तबाही हुई है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र द्वारा गुरुवार शाम जारी रिपोर्ट के मुताबिक, मंडी जिले में 14 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 31 लोग अब भी लापता हैं। 5 लोग घायल हुए हैं. जिला के गोहर, थुनाग, करसोग और जंजैहली इलाकों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत व बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। जिले में अब तक 348 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। आपदा से मंडी में 154 मकान पूरी तरह ध्वस्त हुए हैं, 31 वाहन क्षतिग्रस्त हुए, दो दुकानें और 106 पशुशालाएं ढह गई हैं, जबकि 14 पुल भी बह गए हैं. इस दौरान 165 मवेशियों की भी मौत हुई है।
पूरे हिमाचल की बात करें तो मानसून से अब तक 69 मौतें हुई हैं। 110 लोग घायल हुए हैं. 37 लोग अभी भी लापता हैं. 495 करोड़ का कुल नुकसान प्रदेश हो चुका है। भूस्खलन से 246 सड़कें बंद पड़ी हैं. 404 ट्रांसफार्मर ठप हैं। 784 पेयजल योजनाओं की जल आपूर्ति बाधित है। 250 पशु पक्षी बह गए हैं, 18 घर पूरी तरह तबाह हो गए हैं। 70 घरों को नुकसान हुआ है, 198 गौशालाएं बही हैं। यह सिलसिला अब भी जारी है। सबसे ज्यादा 145 सड़कें मंडी में बंद पड़ी हैं। कुल्लू में 36, सिरमौर में 25 और शिमला में 22 सड़कें बंद हैं।
शिमला के ढली क्षेत्र के लिंडीधार गांव में फोरलेन निर्माण के दौरान बन रही सुरक्षा दीवार गुरुवार को अचानक ढह गई, जिससे सैकड़ों सेब के पौधे दब गए और आसपास के कई घरों को खतरा पैदा हो गया। स्थानीय लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन को मजबूर हैं। लोगों ने एनएचएआई पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
मौसम विभाग ने कांगड़ा, मंडी, हमीरपुर, शिमला और सिरमौर जिलों में अगले 24 घंटों के दौरान फ्लैश फ्लड की चेतावनी जारी की है। अगले दो दिन भारी वर्षा का येलो अलर्ट वहीं 5 जुलाई से 9 जुलाई तक भारी से बहुत भारी वर्षा का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।