नई दिल्ली (नेहा): ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन की तबरीज यात्रा के दौरान एक अजीबो-गरीब स्थिति पैदा हो गई, जब उनके काफिले में शामिल तीन सरकारी गाड़ी एक ही समय में खराब हो गईं। राष्ट्रपति के विशेष निरीक्षक मुस्तफा मोलावी ने जानकारी दी कि कज्वि प्रांत के ताकेस्तान शहर के पास स्थित एक पेट्रोल पंप से ईंधन भरवाने के कुछ ही देर बाद सभी वाहन बंद हो गए। इसके बाद उन्हें प्रावइेट टैक्सी लेकर अपनी आगे की यात्रा पूरी करनी पड़ी।
जब जांच की गई तो पता चला कि ईंधन में पानी मिलाया गया था। इस मिलावट के कारण खराबी आई और राष्ट्रपति ने स्थानीय अधिकारियों को सूचना दिए बिना एक निजी टैक्सी से यात्रा पूरी करने का फैसला किया। इस घटना ने ईरान में ईंधन की गुणवत्ता और पेट्रोल पंपों पर निगरानी की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ईरान में ईंधन मिलावट कोई नई बात नहीं है। पेट्रोल में मिलावट या पंप मीटर में गड़बड़ी की शिकायतें वर्षों से सामने आती रही हैं।
पूर्व तेल मंत्री बिजान जंगानेह ने भी 2021 में बताया था कि हर साल 400 से अधिक पेट्रोल पंप संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। समस्या केवल यहीं नहीं रुकती। देश में ईंधन उत्पादन और मांग के बीच असंतुलन बढ़ता जा रहा है। इस कमी को पूरा करने के लिए ईरान पेट्रोकेमिकल-व्युत्पन्न गैसोलीन पर निर्भर है, जिसमें मिथाइल टर्ट-ब्यूटाइल ईथर (MTBE) जैसे रसायनों का इस्तेमाल होता है। MTBE कई देशों में प्रतिबंधित है क्योंकि यह पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए खतरनाक माना जाता है। बावजूद इसके, ईरान की प्रमुख रिफाइनरियों में इसका इस्तेमाल जारी है।
हालांकि राष्ट्रीय ईरानी तेल उत्पाद वितरण कंपनी (NIOPDC) ने इस बात की पुष्टि की है कि जिस पेट्रोल स्टेशन से ईंधन भरा गया था, उस पर पहले भी शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं, लेकिन इस पर कोई कठोर कार्रवाई नहीं की गई। स्थानीय लोग भी अक्सर इस तरह की मिलावट की शिकायत करते हैं। सोशल मीडिया और अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर साझा किए गए वीडियो में पेट्रोल की गुणवत्ता और पंप मीटर में हेराफेरी के प्रमाण देखने को मिलते हैं।