नई दिल्ली (राघव): दिल्ली में इस साल कुत्तों के काटना के 26000 से अधिक मामले सामने आए हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा सभी आवारा कुत्तों को दिल्ली के आश्रय गृहों में स्थानांतरित करने के निर्देश के बाद एमसीडी अधिकारियों ने कहा है कि वे आदेश का प्रभावी ढंग से पालन करेंगे।
एमसीडी की स्थायी समिति की अध्यक्ष सत्या शर्मा ने कहा कि आवारा कुत्तों की सूचना देने के लिए एक समर्पित हेल्पलाइन शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्रों में कुत्तों के आश्रय गृहों के लिए जमीन उपलब्ध कराने में कुछ समय लग सकता है।
सूत्रों द्वारा प्राप्त आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष अब तक दिल्ली में कुत्तों के काटने के कुल 26,334 मामले सामने आए हैं। इनमें से 9920 मामले दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अस्पतालों में दर्ज किए गए, जबकि 15010 मामले उसके एंटी-रेबीज टीकाकरण (एआरवी) केंद्रों में दर्ज किए गए। एमसीडी के आंकड़ों से पता चलता है कि 2024 में कुत्तों के काटने के 68090 मामले दर्ज किए गए।
शहर में आवारा कुत्तों को समयबद्ध तरीके से आश्रय गृहों में भेजने के सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली के मेयर राजा इकबाल सिंह ने मीडिया को बताया कि नगर निगम इस समस्या से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर काम करेंगे और इस समस्या के समाधान के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। साथ ही हम जानवरों के कल्याण के बारे में भी चिंतित हैं। इसलिए लोगों की सुरक्षा और जानवरों के बेहतर रहने की स्थिति सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
इसी तरह, एमसीडी की स्थायी समिति की अध्यक्ष सत्या शर्मा ने कहा कि लोगों के लिए एक समर्पित हेल्पलाइन शुरू की जाएगी, ताकि वे आवारा कुत्तों की सूचना एमसीडी को दे सकें। इसके बाद नगर निगम टीम जानवरों को ले जाएगी।