बीजिंग (राघव): चेक रिपब्लिक के राष्ट्रपति पेट्र पावेल ने तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा से मुलाकात की थी। इस मुलाकात को लेकर चीन बिफर गया है। चीन ने कहा कि उसने तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा से हाल में मुलाकात के कारण चेक गणराज्य के राष्ट्रपति पेट्र पावेल के साथ सभी प्रकार के संबंध समाप्त करने का फैसला लिया है। चीन के विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि पावेल और दलाई लामा की मुलाकात को लेकर बीजिंग ने चेक गणराज्य के समक्ष राजनयिक विरोध भी दर्ज कराया है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने पावेल की मुलाकात को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, “चीन के बार-बार विरोध और कड़े ऐतराज की अवहेलना करते हुए चेक राष्ट्रपति पेट्र पावेल भारत गए और दलाई लामा से मुलाकात की।” प्रवक्ता ने मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर कहा, “यह चेक सरकार द्वारा चीन सरकार के साथ की गई राजनीतिक प्रतिबद्धताओं का गंभीर उल्लंघन है और चीन की संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता को नुकसान पहुंचाता है।”
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “चीन इस पर कड़ी निंदा करता है और इसका दृढ़ता से विरोध करता है, और इस संबंध में चेक पक्ष के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है। पावेल की इस उकसावे भरी कार्रवाई की गंभीरता को देखते हुए, चीन ने उनके साथ सभी प्रकार के संबंध समाप्त करने का निर्णय लिया है।”
गौरतलब है कि, चीन आमतौर पर किसी भी नेता या अधिकारी द्वारा दलाई लामा से मुलाकात किए जाने का विरोध करता है, जिन्हें वह अलगाववादी करार देता है। पावेल ने 27 जुलाई को लद्दाख में दलाई लामा से मुलाकात की थी। यह पहला मौका था जब किसी पदस्थ राष्ट्राध्यक्ष ने भारत आकर दलाई लामा से भेंट की है। दलाई लामा 12 जुलाई को केंद्र शासित प्रदेश के एक महीने के दौरे पर लेह पहुंचे थे। दलाई लामा के कार्यालय ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, “मुलाकात के दौरान राष्ट्रपति ने परमपावन को उनके 90वें जन्मदिन के अवसर पर हार्दिक शुभकामनाएं दीं।”