नई दिल्ली (नेहा): छह महीने से अटके हुए एक बड़े रक्षा सौदे को सरकार ने हरी झंडी दिखा दी है। केंद्र सरकार ने रक्षा मंत्रालय और मझगांव डॉकयार्ड्स लिमिटेड (MDL) को जर्मनी के सहयोग से भारत में ही छह पनडुब्बियां बनाने के लिए बातचीत शुरू करने की अनुमति दे दी है। यह प्रोजेक्ट ‘ प्रोजेक्ट 75 इंडिया ‘ के तहत होगा। इस प्रोजेक्ट का मकसद भारत की नौसेना को और भी शक्तिशाली बनाना है। सरकार का यह फैसला देश की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
रक्षा मंत्रालय ने जनवरी में ही मझगांव डॉकयार्ड्स लिमिटेड को चुना था। मझगांव डॉकयार्ड्स लिमिटेड, जर्मनी की थिसेनक्रुप मरीन सिस्टम्स के साथ मिलकर ये पनडुब्बियां बनाएगा। इन पनडुब्बियों में एयर इंडिपेंडेंट प्रोपल्शन (AIP) सिस्टम लगा होगा। यह सिस्टम पनडुब्बियों को लंबे समय तक पानी के अंदर रहने में मदद करता है।
केंद्र सरकार ने रक्षा मंत्रालय और मझगांव डॉकयार्ड्स लिमिटेड को इस प्रोजेक्ट पर बातचीत शुरू करने की अनुमति दे दी है। उम्मीद है कि यह प्रक्रिया इस महीने के अंत तक शुरू हो जाएगी। यह फैसला एक उच्च-स्तरीय बैठक के बाद लिया गया। इस बैठक में रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े कई बड़े अधिकारी शामिल थे। उन्होंने देश की पनडुब्बी बेड़े की भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की।
रक्षा मंत्रालय और भारतीय नौसेना को उम्मीद है कि अगले छह महीनों में अनुबंध पर बातचीत पूरी हो जाएगी। इसके बाद अंतिम मंजूरी मिल जाएगी। इस अनुबंध के जरिए रक्षा मंत्रालय देश में ही पनडुब्बियों को डिजाइन और बनाने की क्षमता विकसित करना चाहता है।