नई दिल्ली (नेहा): अमेरिका में एक शख्स ने अपनी मां की हत्या कर दी, जिसके क लिए कहीं ना कहीं AI चैटबॉट को भी जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। हत्या करने वाला शख्स AI चैटबॉट से बात करता था, दावा है कि चैटबॉट ने शख्स के दिमागी भ्रम को बढ़ाया, मान के प्रति उसकी धारणा को मजबूत किया, इस तरह के कट्टर विचार पाकर उसने अपनी ही मां को मौत के घाट उतार दिया। चलिए, जानते हैं कि पूरा मामला क्या है और शख्स ने AI चैटबॉट का क्या यूज किया था?
Yahoo के एक पूर्व मैनेजर स्टीन-एरिक सोएल्बर्ग ने अपनी 83 साल की मां की हत्या कर दी और फिर खुद की जान ले ली। 56 साल का सोलबर्ग एक AI चैटबॉट से टच में था, जिसका नाम ‘बॉबी’ गया था। उसके साथ सोएल्बर्ग का गहरा रिश्ता बन गया था। यह चैटबॉट ChatGPT का ही एक वर्जन है। सोएल्बर्ग ने इस AI को बताया कि उसकी मां उसके खिलाफ साजिश कर रही, दावा है कि AI ने भी इस गलत धारणा को और बढ़ाया। इससे आदमी की मानसिक हालत खराब हो गई। उसने पहले अपनी मां की हत्या की, फिर खुद ने आत्महत्या कर ली।
जानकारी के मुताबिक, घटना से पहले कई महीनों तक सोएल्बर्ग AI चैटबॉट के साथ हुई बातचीत को इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर पोस्ट करता था। इस बातचीत में पता लग रहा है कि उसका मेंटल हेल्थ ठीक नहीं है। धीरे-धीरे गहरे भ्रम में फंसता जा रहा था। AI ने उसे रोकने की बजाय बार-बार उसकी बातों का समर्थन किया, भले ही वे कितनी भी अजीब क्यों ना हों। सोलबर्ग ने AI चैटबॉट को एक बार बताया कि उनकी मां और उनकी दोस्त ने कार के एयर वेंट में नशीली दवाएं डाल दी थीं। इस पर AI ने जवाब दिया कि एरिक, तुम पागल नहीं हो। अगर तुम्हारी मां और उनकी दोस्त ने ऐसा किया, तो यह साजिश और विश्वासघात है।
AI चैटबॉट ने सोलबर्ग को उनकी मां के एक्शन पर नजर रखने की सलाह भी दी थी। रिपोर्ट में दावा है कि AI ने एक चीनी की रसीद में कुछ सिंबल ढूंढ निकाले और दावा किया कि ये उनकी मां और किसी राक्षस का प्रतीक हैं। इस नतीजे से सोलबर्ग का भ्रम और बढ़ गया। इसमें AI के मेमोरी फीचर को भी वजह माना जा रहा है, जो पुरानी बातचीत को याद रखता और उसी आधार पर नई बातें करता है।