नई दिल्ली (नेहा): यूरोपीय संघ ने नाखूनों के सौंदर्य प्रसाधनों के लिए एक नया और सख्त नियम लागू किया है, जिसमें यूरोप में एक प्रकार की जेल नेल पॉलिस पर प्रतिबंध लगा दिया है। जेल नेल पॉलिस में ट्राइमेथिलबेन्जॉयल डाइफेनिलफॉस्फीन ऑक्साइड, जिसे आमतौर पर टीपीओ कहा जाता है, इसका उपयोग होता है। यह एक विषैला घटक माना गया है। रिपोर्ट के अनुसार, इसके इस्तेमाल से कैंसर, प्रजनन संबंधी समस्याओं और प्रजनन संबंधी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। यह प्रतिबंध 1 सितंबर, 2025 से प्रभावी हो गया है। अब इस तारीख से, टीपीओ को यूरोपीय संघ में सौंदर्य प्रसाधनों में बेचा, आयात या उपयोग नहीं किया जा सकेगा।
इस प्रतिबंध से यूरोप भर में हजारों नेल सैलून, तकनीशियन और सौंदर्य खुदरा विक्रेता प्रभावित होंगे। यूरोपीय संघ ने टीपीओ युक्त उत्पादों की बिक्री, मार्केटिंग और उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है और नेल सैलून को मौजूदा स्टॉक को नष्ट करने का आदेश दिया है। संघ ने टीपीओ मुक्त विकल्पों का उपयोग करने की बात कही है। टीपीओ को प्रजनन के लिए संभावित रूप से कैंसरकारी और विषाक्त माना जाता है, तथा इसमें यूवी जोखिम, एलर्जी संबंधी प्रतिक्रिया और संभावित संक्रमण का खतरा भी होता है। हालांकि, अमेरिका ने अभी तक टीपीओ को विनियमित नहीं किया है, जो कि यूरोपीय देशों द्वारा प्रतिबंधित विभिन्न अन्य खाद्य योजकों और रासायनिक अवयवों पर कार्रवाई के समान है।