नई दिल्ली (नेहा): इस बार भाद्रपद पूर्णिमा पर साल का अंतिम चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। यह चंद्र ग्रहण 7 सितंबर दिन रविवार को लगेगा। यह खग्रास चंद्र ग्रहण भारत में दृश्य होगा, जो शतभिषा नक्षत्र शनि कुंभ राशि में लगने वाला है। काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट के अनुसार, भारत में चंद्र ग्रहण का समय रात 9 बजकर 57 मिनट से लेकर मध्य रात्रि 11 बजकर 46 मिनट तक है। इस चंद्र ग्रहण का मोक्ष देर रात 1 बजकर 27 मिनट पर होगा। इस बार के चंद्र ग्रहण पर चंद्रमा लाल रंग का दिखाई देगा, जिसे ब्लड मून कहा जाता है। यह चंद्र ग्रहण 3 घंटे 28 मिनट 2 सेकेंड तक रहेगा। चंद्र ग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले ही शुरू हो जाता है। आइए जानते हैं कि चंद्र ग्रहण का सूतक काल क्या होता है? चंद्र ग्रहण का सूतक काल कब से लगेगा? ग्रहण के सूतक काल में क्या नहीं करना चाहिए?
ज्योतिषाचार्य भट्ट के अनुसार, सूतक काल चंद्र ग्रहण के प्रारंभ होने से पहले के समय को कहते हैं। सूतक काल को अशुभ समय माना जाता है क्योंकि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पाप ग्रह राहु और केतु के कारण चंद्रमा पर ग्रहण लगता है। सूतक काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करते हैं। चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण के समय से 9 घंटे पहले प्रारंभ होगा। पंचांग के अनुसार, 7 सितंबर को लगने वाले चंद्र ग्रहण का सूतक काल दोपहर में 12 बजकर 57 मिनट से प्रारंभ होगा।