नई दिल्ली (नेहा): सुप्रीम कोर्ट में एक PIL (जनहित याचिका) दायर की गई है। यह याचिका 14 सितंबर को होने वाले भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच को रद्द करने की मांग करती है। यह मैच एशिया कप T20 टूर्नामेंट का हिस्सा है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि मौजूदा हालात में यह मैच देशहित के खिलाफ है। उनका मानना है कि इससे शहीदों का अपमान होगा। याचिका में BCCI (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) को भी शामिल करने की बात कही गई है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि अब समय आ गया है कि BCCI को खेल मंत्रालय के दायरे में लाया जाए।
लाइव लॉ की खबर के मुताबिक, चार लॉ स्टूडेंट्स ने यह PIL दायर की है। उनका कहना है कि पहलगाम आतंकी हमला और ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना गलत है। इससे देश के सशस्त्र बलों और हमले में जान गंवाने वाले नागरिकों का अपमान होगा। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि ‘पाकिस्तान के साथ खेलना गलत संदेश देता है। ऐसा लगता है कि हमारे सैनिक अपनी जान दे रहे हैं और हम उसी देश के साथ खेल का जश्न मना रहे हैं जो आतंकवादियों को पनाह देता है। इससे उन पीड़ितों के परिवारों की भावनाओं को भी ठेस पहुंच सकती है जिन्होंने पाकिस्तानी आतंकवादियों के हाथों अपनी जान गंवाई।
राष्ट्र की गरिमा और नागरिकों की सुरक्षा, मनोरंजन से पहले आती है। याचिका में भारत-पाकिस्तान मैच को रद्द करने के साथ-साथ युवा मामलों के मंत्रालय को राष्ट्रीय खेल प्रशासन अधिनियम, 2025 को लागू करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है। इसके अलावा, सीजन बॉल क्रिकेट को राष्ट्रीय खेल महासंघ के तहत लाने की भी बात कही गई है। याचिका में BCCI को भी एक पार्टी के रूप में शामिल किया गया है।
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह सही समय है कि BCCI को युवा मामले और खेल मंत्रालय के दायरे में लाया जाए। उनका कहना है कि अगर राष्ट्रीय खेल प्रशासन अधिनियम, 2025 लागू होता है, तो BCCI को अधिनियम के तहत स्थापित राष्ट्रीय खेल बोर्ड के अधीन लाया जाएगा। यह याचिका AoR (एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड) अंसार अहमद चौधरी के माध्यम से दायर की गई है। केस का शीर्षक उर्वशी जैन और अन्य बनाम भारत संघ और अन्य है।