नई दिल्ली (नेहा): नेपाल एशिया का एक छोटा देश है, लेकिन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। हाल के दिनों में नेपाल के हालातों ने पूरी दुनिया का ध्यान नेपाल की तरफ खींचा है और नेपाल की अर्थव्यवस्था को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। नेपाल इन दिनों विरोध प्रदर्शन की आग में जल रहा है। देश में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और राजनीतिक अस्थिरता ने लोगों की उम्मीदें तोड़ी दी तो हजारों युवक सड़कों पर उतर आए और फिर जो हुआ वो पूरी दुनिया देख रही है।
नेपाल की अर्थव्यवस्था की बात करें तो ये देश ना अमीर देशों की सूची में आता है और ना गरीब। चलिए जानते हैं कि नेपाल की जीडीपी कितनी है और ये भारत के दूसरे सबसे अमीर शख्स और अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी की संपत्ति से कितनी ज्यादा या कम है। नेपाल की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि, पर्यटन और प्रवासी श्रमिकों से हासिल धन पर निर्भर है. इसकी आर्थिक वृद्धि स्थिर रही है, लेकिन भारत जैसे बड़े देशों की तुलना में यह सीमित है।
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के अनुसार नेपाल की अर्थव्यवस्था में हाल के वर्षों में सुधार देखने को मिल रहा है। साल 2025 में नेपाल की जीडीपी 43.42 अरब डॉलर रहने का अनुमान है जबकि साल 2024 में GDP 42.91 अरब डॉलर थी। साल 2023 में नेपाल की GDP 41.05 अरब डॉलर थी।
गौतम अडाणी की संपत्ति की बात करें तो इनकी संपत्ति 80.3 अरब डॉलर पहुंच गई जिसके बाद वो एशिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति बने हुए हैं। अडानी परिवार की संपत्ति नेपाल की जीडीपी से लगभग दोगुना अधिक है। यह तुलना दर्शाती है कि एक व्यक्ति और उनके परिवार की संपत्ति एक पूरे देश की अर्थव्यवस्था से कहीं अधिक है।