नई दिल्ली (नेहा): गाजा सिटी पर कब्जे के लिए इजरायली सेना ने गोलाबारी और बमबारी तेज कर दी है लेकिन आमने-सामने की लड़ाई के लिए सैनिक अभी शहर में नहीं घुसे हैं। ताजा हमलों के परिणामस्वरूप शनिवार को शहर में 48 लोग मारे गए। इनमें से 14 एक ही परिवार के हैं। इन्हें मिलाकर पूरी गाजा पट्टी में 65 लोग मारे गए हैं। गाजा सिटी फलस्तीनी क्षेत्र का सबसे बड़ा शहर है और 23 महीने से ज्यादा की लड़ाई में इजरायली सेना उस पर कब्जा नहीं कर पाई है। हमास के गढ़ गाजा सिटी में लाखों लोग मौजूद हैं। इजरायली सेना के तमाम प्रयास के बावजूद ये लोग शहर नहीं छोड़ रहे हैं। संकेत हैं कि बड़ी संख्या में इजरायली बंधक भी यहीं पर कैद हैं।
हाल के दिनों ने इजरायल ने शहर के ऊंचे भवनों पर लगातार हमले कर उन्हें नष्ट किया है जिससे हमास के लड़ाके इजरायली सेना की गतिविधियों को न देख सकें और न ही वहां से निशाना लगा सकें। हमास ने आमजनों पर हमलों को इजरायल की आतंकी कार्रवाई और सुनियोजित युद्ध अपराध करार दिया है। हमास ने इजरायल की नरसंहार और लोगों को जबरन विस्थापित करने की कार्रवाई पर विश्व समुदाय के चुप रहने पर सवाल उठाए हैं। विदित हो कि इजरायल ने गाजा सिटी पर कब्जा करने और उसे स्थायी रूप से बनाए रखने की घोषणा की है। इसके पीछे इजरायल का तर्क है कि वह भविष्य में हमास जैसा कोई आतंकी संगठन पनपने नहीं देना चाहता है।
खाद्य सामग्री की आपूर्ति बढ़ाने के इजरायली सेना के दावे के विपरीत गाजा में भूख संबंधी बीमारियों से लोगों का मरना जारी है। इन बीमारियों से शनिवार को सात और लोगों के मरने की सूचना है। इन्हें मिलाकर गाजा पट्टी में भूख से मरने वालों की संख्या बढ़कर 420 हो गई है जिनमें 145 बच्चे हैं।