नई दिल्ली (नेहा): अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को एंटीफा को ‘प्रमुख आतंकी संगठन’ घोषित कर दिया। यह ऐलान उनके करीबी सहयोगी और दक्षिणपंथी कार्यकर्ता चार्ली कर्क की हत्या के कुछ ही दिन बाद आया है। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया मंच ट्रूथ सोशल पर चेतावनी दी कि एंटीफा को फंड करने वालों की सख्त जांच होगी। उन्होंने लिखा, “मैं अपने देशभक्तों को बताना चाहता हूं कि एंटीफा एक खतरनाक और बीमार वामपंथी आपदा है, उसे मैं आतंकी संगठन घोषित कर रहा हूं। इसके फंडरों की जांच भी सख्ती से होगी।” एंटीफा का पूरा नाम ‘एंटी-फासिस्ट’ है। यह वामपंथी समूहों का एक नेटवर्क है। ये लोग दक्षिणपंथी और कथित फासीवादी ताकतों का विरोध करते हैं। ट्रंप ने पांच साल पहले भी, मई 2020 में, एंटीफा को आतंकी संगठन घोषित करने की बात कही थी, लेकिन अब यह कदम औपचारिक रूप से उठाया गया है।
सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (सीएसआईएस) के मुताबिक, एंटीफा एक विकेंद्रित वामपंथी नेटवर्क है जो कथित फासीवादी और दक्षिणपंथी चरमपंथियों का विरोध करता है। इसके प्रतीक में 1917 की रूसी क्रांति का लाल झंडा और 19वीं सदी के अराजकतावादियों का काला झंडा शामिल है। एंटीफा के लोग अक्सर दक्षिणपंथी रैलियों में विरोध प्रदर्शन करते हैं और सोशल मीडिया, सिग्नल जैसे मैसेजिंग ऐप्स और एन्क्रिप्टेड नेटवर्क के जरिए अपनी गतिविधियां चलाते हैं। व्हाइट हाउस के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ स्टीफन मिलर ने हाल ही में कहा था कि कर्क ने अपनी आखिरी बातचीत में वामपंथी समूहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी। मिलर ने यह बात “द चार्ली कर्क शो” में उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के साथ साझा की।