नई दिल्ली (नेहा): अफगानिस्तान में लोगों को “अनैतिक आचरण से बचाने के लिए” तालिबान की ओर से फाइबर-ऑप्टिक इंटरनेट सेवाओं पर लगाया गया पूर्ण प्रतिबंध कई और प्रांतों में प्रभावी हो गया है। अगस्त 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की पूर्ण वापसी के बाद सत्ता की कमान संभालने वाले तालिबान ने पहली बार इस तरह का प्रतिबंध लागू किया है। इससे सरकारी कार्यालय, निजी क्षेत्र के दफ्तर, सार्वजनिक प्रतिष्ठान और घर वाई-फाई इंटरनेट सेवा से वंचित हो गए हैं।
हालांकि, देश में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अभी भी चालू हैं। अधिकारियों का कहना है कि “जरूरत पूरी करने के लिए” विकल्प तलाशे जा रहे हैं। उत्तरी बल्ख प्रांत ने मंगलवार को वाई-फाई इंटरनेट सेवाएं बंद होने की पुष्टि की, जबकि देश के अन्य हिस्सों में भी गंभीर व्यवधान की खबरें हैं। बृहस्पतिवार को पूर्वी और उत्तरी क्षेत्रों के अधिकारियों ने बताया कि बगलान, बदख्शान, कुंदुज, नंगरहार और तखर प्रांत में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई हैं।
संगठन ने कहा, “तालिबान के शीर्ष नेता के आदेश पर उठाया गया यह कदम न केवल मुफ्त सूचनाओं और आवश्यक सेवाओं तक लाखों नागरिकों की पहुंच बाधित करता है, बल्कि अभिव्यक्ति की आजादी और मीडिया के कामकाज के लिए भी गंभीर खतरा पैदा करता है।”