वाशिंगटन (नेहा): अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए जिससे H1-B वीजा के लिए आवेदन शुल्क बढ़कर 100,000 अमेरिकी डॉलर हो जाएगा। इस कदम का अमेरिका में वर्क वीजा पर काम कर रहे भारतीय कर्मचारियों पर गहरा असर पड़ सकता है। ट्रंप ने शुक्रवार को एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए जिससे कंपनियों द्वारा H1-B आवेदकों को प्रायोजित करने के लिए भुगतान किया जाने वाला शुल्क बढ़कर 100,000 अमेरिकी डॉलर हो जाएगा। ट्रंप प्रशासन ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश में लाए जा रहे लोग “वास्तव में अत्यधिक कुशल” हों और अमेरिकी कर्मचारियों की जगह न लें। एच-1बी वीजा कार्यक्रम उन विदेशियों के लिए होता है जो अमेरिका में विशेष व्यवसायों खासकर प्रौद्योगिकी क्षेत्र में कार्यरत हैं। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रंप ने ‘गोल्ड कार्ड’ वीजा कार्यक्रम के लिए कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत व्यक्तियों के लिए शुल्क 1 मिलियन डॉलर तथा व्यवसायों के लिए 2 मिलियन डॉलर निर्धारित किया गया है।
ट्रंप प्रशासन ने शुक्रवार को हार्वर्ड विश्वविद्यालय के विरुद्ध अपने अभियान को तेज कर दिया और आइवी लीग स्कूल की छात्र सहायता के लिए संघीय वित्तीय मदद पर नए प्रतिबंध लगा दिए। प्रशासन ने अमेरिका के सबसे पुराने और सबसे अमीर विश्वविद्यालय की ”वित्तीय स्थिति” को लेकर चिंताओं का हवाला दिया है। अमेरिकी शिक्षा विभाग ने कहा कि उसने हार्वर्ड को ”उच्चतम नकदी निगरानी” में रखा है। इसका अर्थ है कि कैंब्रिज, मैसाचुसेट्स स्थित इस विश्वविद्यालय को विभाग से धन लेने से पहले संघीय छात्र सहायता वितरित करने के लिए अपने स्वयं के धन का उपयोग करना होगा। विभाग हार्वर्ड से 3.6 करोड़ डालर का ऋण पत्र भी जारी करने की मांग कर रहा है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उसके वित्तीय दायित्व पूरे हों।
ड्रग कार्टेल के खिलाफ अभियान चलाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक नया विधेयक तैयार करा रहे हैं। ये विधेयक आतंकवादी माने गए उन ड्रग कार्टेल और उनको शरण देनेवाले या मदद करनेवाले देशों के खिलाफ युद्ध छेड़ने की शक्ति प्रदान करेगा। पिछले दिनों कैरेबियन सागर में ड्रग तस्करी से संदिग्ध तौर पर जुड़ी दो नावों पर अमेरिकी सेना की कार्रवाई को कानून विशेषज्ञों ने गैरकानूनी बताया था। वहीं ट्रंप ने दावा किया था कि संविधान में उनको ये अधिकार मिला हुआ है। इससे राष्ट्रपति को नार्को आतंकवादियों को मारने का अधिकार मिल जाएगा। इससे कार्यकारी शाखा और कैपिटल हिल महकमे में खलबली मच गई है।