मॉस्को (नेहा): रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलें उपलब्ध कराने से युद्धक्षेत्र की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आएगा लेकिन इससे मॉस्को और वाशिंगटन के बीच रिश्ते गंभीर रूप से प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि रूसी सेना धीरे-धीरे और लगातार बढ़त बना रही है। पुतिन ने सोची में काला सागर रिसॉर्ट में विदेश नीति के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के एक मंच पर कहा कि कीव को अमेरिकी टॉमहॉक क्रूज़ मिसाइलों की संभावित आपूर्ति ‘‘नए स्तर के टकराव का संकेत होगी, जिसमें रूस और अमेरिका के बीच के संबंध भी शामिल हैं।’’
पुतिन ने कहा कि अगर टॉमहॉक मिसाइलें यूक्रेन को दी जाती हैं तो भले ही वे रूस को नुकसान पहुंचाएंगी, लेकिन रूसी हवाई रक्षा प्रणाली नए खतरे का जल्द ही मुकाबला कर लेगी। उन्होंने कहा, ‘‘यह निश्चित रूप से युद्धक्षेत्र में शक्ति संतुलन को नहीं बदलेगा।’’ उन्होंने कहा कि रूसी सेना लगातार यूक्रेन के खिलाफ बढ़त बना रही है।
जब उनसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रूस को ‘कागजी शेर’ कहे जाने के बारे में पूछा गया क्योंकि वह तीन साल से ज्यादा वक्त से जारी युद्ध के बाद भी यूक्रेन को पराजित नहीं कर सकता तो पुतिन ने तर्क दिया कि रूस का सामना केवल यूक्रेन से नहीं, बल्कि पूरे नाटो गठबंधन से है। इसके साथ ही पुतिन ने अलास्का में ट्रंप के साथ हुई शिखर बैठक की सराहना की और परमाणु संधि के विस्तार का प्रस्ताव दोहराया। उन्होंने कहा, ‘‘यह अच्छा था कि हमने यूक्रेनी संकट को सुलझाने के संभावित रास्ते खोजने और तलाशने का प्रयास किया।’
उन्होंने ट्रंप के टैरिफ को गलत कदम बताया। पुतिन ने कहा कि रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों पर हाई टैरिफ वैश्विक कीमतों में वृद्धि करेंगे और अमेरिकी फेडरल रिजर्व को ब्याज दरें ऊंची रखने के लिए मजबूर करेंगे, जिससे अमेरिकी आर्थिक विकास धीमा हो जाएगा।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा – “भारत के खिलाफ अमेरिकी टैरिफ विफल होंगे। यूरोप के उलट, भारत और चीन ऐसे देश हैं जो खुद का सम्मान करते हैं। भारत खुद को कभी अपमानित नहीं होने देगा।” पुतिन ने आगे इस बात पर ज़ोर दिया कि रूस पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद सकारात्मक आर्थिक विकास को बनाए रखने का लक्ष्य रखता है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत को सीधे तौर संबोधित करते हुए कहा कि भारत के पास बाहरी दबाव के आगे झुकने का कोई कारण नहीं है। उन्होंने कहा- “भारत खुद को कभी अपमानित नहीं होने देगा।” उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसा कदम कभी नहीं उठाएंगे।