नई दिल्ली (नेहा): पुर्तगाल में जल्द बुर्का बैन हो सकता है। दरअसल वहां की संसद ने बुर्का बैन विधेयक को मंजूरी दे दी है। अगर यह कानून बन जाता है तो अन्य यूरोपीय देशों की तरह ही पुर्तगाल में भी बुर्का बैन हो जाएगा। पुर्तगाल सरकार के इस कदम को कुछ दल चेहरा ढकने वाली मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाने के लिए उठाया गया कदम बता रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुर्तगाल की संसद ने पब्लिक प्लेसेज पर “लिंग या धार्मिक” वजहों से नकाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने वाले एक विधेयक को मंजूरी दी है। बुर्का बैन का प्रस्ताव फार राइट चेगा पार्टी ने प्रस्तावित किया था। इसका मकसद बुर्का और नकाब जैसे वस्त्रों को ज्यादातर पब्लिक प्लसेज पर प्रतिबंध लगाया जाना है। हालांकि फ्लाइट्स, राजनयिक परिसरों और पूजा स्थलों पर नकाब की परमिशन फिर भी रहेगी।
पुर्तगाल की संसद ने पब्लिक प्लेसेज पर “लिंग या धार्मिक” वजहों से नकाब पहनने पर प्रतिबंध लगाने वाले एक विधेयक को मंजूरी दी है। बुर्का बैन का प्रस्ताव फार राइट चेगा पार्टी ने प्रस्तावित किया था। इसका मकसद बुर्का और नकाब जैसे वस्त्रों को ज्यादातर पब्लिक प्लसेज पर प्रतिबंध लगाया जाना है। हालांकि फ्लाइट्स, राजनयिक परिसरों और पूजा स्थलों पर नकाब की परमिशन फिर भी रहेगी। इस विधेयक में नकाब पहनने पर जुर्माने का भी प्रावधान है। विधेयक में कहा गया है कि सार्वजनिक जगहों पर नकाब पहनने वालों पर 200 यूरो से लेकर 4,000 यूरो (£175 और £3,475) तक के जुर्माना लगाया जाएगा। बता दें कि 4000 यूरो भारतीय करेंसी में 4 लाख 10 हजार रुपये से भी ज्यादा होते हैं। अगर यह कानून बन गया तो भारतीय करेंसी के हिसाब से 4 लाख तक का जुर्माना पुर्तगाल के लोगों को भरना पड़ सकता है।
पुर्तगाल में ज़्यादातर महिलाएं ऐसे कपड़े नहीं पहनती हैं। लेकिन अन्य यूरोपीय देशों की तरह ही इस्लामी बुर्के के मुद्दे ने यहां विवाद खड़ा कर दिया है। चेगा पार्टी ने नकाब को बैन करने के लिए फ्रांस और अन्य यूरोपीय देशों के तर्कों का हवाला दिया। बता दें ति चेगा पार्टी को इस विधेयक पर दक्षिणपंथी दलों का समर्थन हासिल है। चेगा ने विधेयक में कहा है कि चेहरा छिपाने से खासकर महिलाएं “बहिष्कार और हीनता की स्थिति” में आ जाती हैं। यह स्वतंत्रता, समानता और मानवीय गरिमा जैसे सिद्धांतों के खिलाफ है। हालांकि वामपंथी दलों के सांसदों उनकी इस बात से असहमत दिखे।
वामपंथी दलों का कहना है कि इस विधेयक का मकसद अलग धर्म वाले लोगों को निशाना बनाने के लिए किया जा रहा है। बता दें कि वामपंथी सोशलिस्ट पार्टी के सांसद पेड्रो डेलगाडो अल्वेस की पार्टी ने संसद में इस विधेयक के खिलाफ वोट किया था। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि किसी भी महिला को घूंघट पहनने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए, लेकिन दक्षिणपंथी पार्टी का नजरिया गलत है।