नई दिल्ली (पायल): कभी इजरायली सेना की टॉप वकील रहीं मेजर जनरल यिफात तोमर-येरुशाल्मी आज सलाखों के पीछे हैं। उनपर एक ऐसे घोटाले का आरोप है, जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। मामला इतना बढ़ा कि यिफात को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया।
यिफात पर आरोप है कि पिछले साल उन्होंने इजरायली सेना से जुड़ा एक संवेदनशील वीडियो लीक करने की अनुमति दी थी। वीडियो सामने आने के बाद इजरायली सेना पर फिलिस्तीनी कैदियों के साथ यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगा था। वहीं, मामला सामने आने के बाद यिफात ने अपने पद से इस्तीफा दिया और गायब हो गईं।
यिफात की कार समुद्र के किनारे खड़ी मिली, जिससे सभी को लगे की उन्होंने आत्महत्या कर ली है, लेकिन वो जिंदा थीं। यिफात ने बीच पर अपनी कार छोड़ने से पहले परिवार के लिए सीक्रेट नोट भी लिखा था। वो बीच पर छिपी हुईं थीं। मगर, सख्त जांच और मिलिट्री ड्रोन की मदद से उन्हें ढूंढ निकाला गया।
रविवार की रात को यिफात समुद्र के किनारे मिलीं, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, उनका एक मोबाइल फोन गायब है, जिसमें संवेदनशील जानकारियां होने की आशंका जताई जा रही है।
इस मामले को लेकर सियासी पारा भी आसमान छूने लगा है। कई नेताओं का कहना है कि यिफात ने अपना फोन नष्ट न कर दिया हो, जिससे सबूत किसी के हाथ न लग सके। इस पूरे मामले की जांच जारी है। वहीं, मामला सैन्य अदालत में लंबित है।


