नई दिल्ली (नेहा): न्यूजीलैंड ने ट्रांसजेंडर नाबालिगों के लिए प्यूबर्टी ब्लॉकर्स पर बड़ा फैसला लेते हुए 19 दिसंबर से इन दवाओं पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। न्यूजीलैंड के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि इन दवाओं के लाभ और दुष्प्रभावों पर “उच्च गुणवत्ता वाले वैज्ञानिक सबूत” उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए यह कदम उठाया गया है। सरकार के अनुसार 2021 में 140 मरीज़ ये दवा ले रहे थे,2023 में यह संख्या घटकर 113 रह गई।
स्वास्थ्य मंत्री साइमॉन ब्राउन ने कहा कि यह निर्णय वर्तमान वैज्ञानिक समीक्षा के आधार पर लिया गया है। जो बच्चे पहले से प्यूबर्टी ब्लॉकर्स ले रहे हैं, वे अब केवल अन्य मेडिकल स्थितियों जैसे असमय यौवन या एंडोमीट्रियोसिस के लिए ही इन दवाओं का उपयोग कर सकेंगे। जेंडर-ट्रांज़ीशन के लिए अब ये दवाएँ नहीं दी जाएँगी।
Professional Association for Transgender Health Aotearoa की एलिज़ाबेथ मैक्लरेआ ने कहा कि यह प्रतिबंध “जेंडर डाइवर्स बच्चों में मानसिक स्वास्थ्य, डिस्फोरिया और आत्महत्या के जोखिम को बढ़ाएगा।” इस फैसले से न्यूजीलैंड उन देशों की सूची में शामिल हो गया है जो ट्रांसजेंडर माइनर्स के जेंडर ट्रीटमेंट पर सख्ती कर रहे हैं। इंग्लैंड ने पहले ही ऐसा प्रतिबंध लगाया था, और अब कई अमेरिकी राज्यों में भी इसी तरह की बहस जारी है।


