नई दिल्ली (नेहा): रूस में आए 8.7 तीव्रता के भूकंप का असर जापान में भी देखने को मिला। यहां समुद्र में ऊंची लहरें उठने लगीं और सुबह 10:40 बजे 30 सेंटीमीटर ऊंची सुनामी लहरें होक्काइडो पहुंचने लगीं। इस दौरान जापान में एक और घटना घटी। चिबा के तातेयामा शहर के तट पर कई व्हेल मछलियां बहकर किनारे पर आ गईं। समुद्र तट पर फंसी इन व्हेल के वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गए। इस घटना ने भूकंप का समुद्री जीव और पारिस्थिकी पर पड़ने वाले प्रभाव की ओर भी ध्यान आकर्षित किया।
दरअसल व्हेल और दूसरे बड़े समुद्री स्तनधारी आमतौर पर गहरे पानी में रहना पसंद करते हैं। ये जगह उनके लिए सुरक्षित होती है। लेकिन सुनामी के वक्त जलस्तर कहीं कम और कहीं ज्यादा होने लगता है। पानी आगे की तरफ बढ़ता है और जल स्तर में हुए ये बदलाव व्हेल को भ्रमित कर देते हैं।
समुद्री जीवविज्ञानी कहते हैं कि इस स्थिति में व्हेल को नेविगेट करने में परेशानी होने लगती है और वह समुद्र तट पर आकर फंस जाती है। फंसी हुई व्हेल को रेस्क्यू करना जटिल होता है। अगर उन्हें जल्द पानी में नहीं भेजा गया, तो डिहाइड्रेशन और ऑर्गन फेल्योर के कारण उनकी मृत्यु भी हो जाती है।
रूस में आए भूकंप के तुरंत बाद जापान और अमेरिका में सुनामी की चेतावनी जारी कर दी गई थी। तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित निकालकर ऊंचे इलाकों में जाने के निर्देश दिए गए थे। जापान मौसम विज्ञान एजेंसी ने बताया कि शक्तिशाली भूकंप के बाद पहली सुनामी लहरें जापान के उत्तरी क्षेत्र में पहुंचीं।