नई दिल्ली (नेहा): रूस से तेल खरीदने के लिए भारत पर टैरिफ लगाने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप अब इस मुद्दे पर अपने देश में ही घिरते जा रहे हैं। दरअसल अमेरिका की वरिष्ठ नेता और राष्ट्रपति पद की दावेदार रहीं निक्की हेली ने कहा है कि अमेरिका को भारत जैसे मजबूत सहयोगी के साथ रिश्ते खराब नहीं करने चाहिए।
निक्की हेली ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर साझा एक पोस्ट में लिखा कि, ‘भारत को रूस से तेल नहीं खरीदना चाहिए। लेकिन चीन, जो एक विरोधी है और रूसी तथा ईरानी तेल का सबसे बड़ा खरीदार है, उसे 90 दिनों के लिए टैरिफ में ढील दी गई है। चीन को छूट न दें और भारत जैसे मजबूत सहयोगी के साथ अपने रिश्ते खराब न करें।’ दक्षिण कैरोलिना की पूर्व गवर्नर हेली, ट्रंप के पहले कार्यकाल में संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत थीं और अमेरिकी प्रशासन में कैबिनेट स्तर के पद पर नियुक्त होने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी बनीं।
निक्की हेली की यह टिप्पणी ट्रंप के उस बयान के कुछ घंटों बाद आई, जिसमें ट्रंप ने कहा था कि भारत एक अच्छा व्यापारिक साझेदार नहीं रहा है और उन्होंने घोषणा की थी कि वह अगले 24 घंटों में भारत पर टैरिफ काफी हद तक बढ़ा देंगे। ट्रंप ने आरोप लगाया कि भारत, रूस से तेल खरीद रहा है और रूस को यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई में ईंधन देने का काम कर रहा है।
ट्रंप के भारत पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी के बाद भारत ने भी सोमवार को अमेरिका और यूरोपीय संघ पर असामान्य रूप से तीखा पलटवार किया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि ‘भारत अपने उपभोक्ताओं के लिए सस्ती और स्थिर ऊर्जा मुहैया कराने के लिए रूस से तेल आयात करता है। जो देश भारत की आलोचना कर रहे हैं, वे खुद रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं। भारत की तरह उनका यह व्यापार उनकी कोई मजबूरी भी नहीं है। वास्तव में भारत ने रूस से तेल इसलिए आयात शुरू किया, क्योंकि संघर्ष के बाद पारंपरिक सप्लाई यूरोप की ओर मोड़ दी गई थी। उस समय अमेरिका ने खुद भारत को ऐसे आयात के लिए प्रोत्साहित किया था ताकि दुनिया के तेल बाजार की स्थिरता बनी रह सके।’