वाशिंगटन (राघव): मशहूर अर्थशास्त्री जेफ्री सैक्स ने हाल ही में कहा कि अमेरिकी राजनेताओं को भारत की कोई परवाह नहीं है। उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए नए टैरिफ को असंवैधानिक करार दिया। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% का अतिरिक्त आयात शुल्क लगा दिया है, जिससे भारतीय निर्यात पर कुल शुल्क दर 50% हो गई है। ट्रंप ने यह कदम भारत के द्वारा रूस से तेल खरीदने के कारण उठाया है। हालांकि उन्होंने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मित्र भी कहा।
सैक्स ने कहा, “भारत को समझना चाहिए कि वह अमेरिका के साथ क्वाड में शामिल होकर चीन के खिलाफ कोई दीर्घकालिक सुरक्षा हासिल नहीं कर पाएगा। भारत एक महाशक्ति है जिसकी स्वतंत्र वैश्विक स्थिति है। जो कुछ ट्रंप टैरिफ के मामले में कर रहे हैं, वह असंवैधानिक है।”
50% शुल्क के बारे में पूछे जाने पर सैक्स ने भारत को चेताया कि किसी “महान व्यापारिक संबंध” पर भरोसा न करें। उन्होंने कहा, “जब मैं इस साल भारत में था तो मैंने कहा था कि किसी बड़े व्यापारिक रिश्ते की उम्मीद मत कीजिए। भारत ने शायद यह आशा की थी कि वह अमेरिका का अच्छा साझेदार बनेगा, ताकि अमेरिका चीन पर निर्भरता कम कर सके और आपूर्ति शृंखलाएं भारत में बढ़ा सके। मैंने समझाने की कोशिश की थी। इस पर भरोसा मत करो।”
डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच होने वाली आगामी बैठक पर सैक्स ने कहा कि यह बात उन्हें आश्चर्यजनक लगी। ट्रंप ने जनवरी 2025 में पदभार संभालने के बाद रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त करने का वादा किया था। हाल ही में उन्होंने कहा कि संभावित शांति समझौते में कुछ क्षेत्रों का अदला-बदली शामिल हो सकती है।
भारत-चीन सीमा विवाद के बाद के संबंधों पर पूछे गए सवाल पर सैक्स ने कहा कि दोनों देशों के बीच अच्छा आर्थिक रिश्ता भारत की अर्थव्यवस्था के लिए लाभकारी होगा और एक बहुध्रुवीय विश्व बनाने में मदद करेगा, जो अमेरिका की मनमानी पर निर्भर न हो।
उन्होंने कहा कि चीन की अर्थव्यवस्था अमेरिका से कहीं बड़ी है और उसका अंतरराष्ट्रीय व्यापार भी अधिक व्यापक है। इसी बीच, चीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस महीने के अंत में तियानजिन में होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में प्रस्तावित दौरे का स्वागत किया है।